देहरादून: राज्य में लंबे समय से चली आ रही नए जिले बनाने की मांग पर अब एक बार फिर मामला गर्म हो गया है। इस बार खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिप्पणी की है। मुख्यमंत्री धामी (CM Pushkar Singh Dhami) ने एक बार फिर नए जिले बनाने की मांग पर विचार करने को कहा है।
सीएम ने नई जिलों की मांग पर कहा कि लंबे समय से इसकी मांग की जा रही है। सरकार आने वाले समय में इस पर विचार करने की योजना बना रही है। जिसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों से बात कर कहां-कहां पुनर्गठन होने की संभावना और कहां-कहां नए जिले की आवश्यकता पर चर्चा की जाएगी।
अब से दो दशक पहले यूपी के पहाड़ी हिस्सों को अलग कर बनाए गए उत्तराखंड में फिलहाल 13 जिले हैं। नए जिले बनाने का मामला उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 में भी उठा था। मगर चुनाव खत्म होते ही ये मामला फिर से दब गया। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया हो।
This is a long-pending demand. We'll soon hold discussions with all public representatives to assess where restructuring can be done & where is it needed. We'll go ahead in this direction after carrying forward the discussion: Uttarakhand CM PS Dhami, on demand for new districts pic.twitter.com/00keXvrQT7
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 31, 2022
साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 4 जिले (कोटद्वार, यमुनोत्री, रानीखेत, डीडीहाट) बनाए जाने की घोषणा की थी। मगर उनके पद से हटते ही यह मामला ठंडा पड़ गया। इसके बाद साल 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 8 नए जिलों (डीडीहाट, रानीखेत, रामनगर, काशीपुर, कोटद्वार, यमुनोत्री, रुड़की, ऋषिकेश) बनाने का वादा किया।
हरीश रावत का दांव भी सिर्फ सियासी दांव साबित हुआ। उसी साल कांग्रेस में भयंकर उठा पठक हुई थी। जिस वजह से मामला दब गया। बता दें कि उस दौरान चार नए जिले बनाए जाते तो राज्य पर करीब 600 से 800 करोड़ तक का अतिरिक्त भार पड़ने की जानकारी सामने आई थी। अब देखना होगा कि सीएम धामी नए जिलों की मांग को कितनी गंभीरता से लेते हैं।