देहरादून: कोरोना वायरस संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है।इस संक्रमण की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है।एक तरफ ये संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा वहीं दूसरी तरफ मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों में जगह नहीं मिल रही।अब दून मेडिकल कोविड अस्पताल के गेट से ही कोरोना मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए लौटाया जा रहा है। दरअसल, आईसीयू में बेड खाली नहीं थे जिसके चलते डॉक्टर ने गंभीर मरीजों को भी लेने से साफ इंकार कर दिया।इसकी वजह से कोरोना मरीजों की जान मुश्किल में पड़ रही है।
आपको बता दें कि कोरोना मरीज की संख्या बढ़ती जा रही है।पिछले तीन दिन से जिले में रोजाना 200 से अधिक कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं।ज्यादातर मरीजों को एम्स ऋषिकेश और राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में ही भर्ती किया जा रहा है।कुछ दिन पहले कई निजी अस्पतालों को भी कोरोना मरीजों को भर्ती करने की अनुमति दी गई है।परेशानी की बात ये है कि एम्स और दून अस्पताल की तरह ही निजी अस्पतालों में भी जनरल और आईसीयू के बेड लगभग फुल हो गए हैं।
आईसीयू और दूसरे बेड होने लगे फुल
हालत पहले से भी ज्यादा और गंभीर हो गई है।इमरजेंसी कक्ष के गेट से ही मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए कहा जा रहा है। अस्पतालों में लगभग आईसीयू और दूसरे बेड फुल हो गए हैं। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इन सबसे निपटने के लिए गंभीर और बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने या कोविड केयर सेंटर भेजने की सलाह दे रहा है।
कार्यदायी संस्था को चेतावनी दी कि एक हफ्ते के अंदर बिल्डिंग को तैयार कर लिया जाए।इसके अलावा मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दावा करते हुए कहा कि जनरल बेड के साथ ही वेंटिलेटर युक्त 50 बेड का आईसीयू तैयार किया जा रहा है।
बढ़ते संक्रमण को देखते हुए विभाग की ओर लोगों से वायरस से बचने के लिए सावधानी बरतने के लिए कहा जा रहा है।वहीं,लोगों को राहत देते हुए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आशुतोष सयाना ने बताया कि जल्द ही 50 बेड का आईसीयू और अन्य जनरल बेड तैयार कर लिए जाएंगे। जिससे अधिक से अधिक गंभीर कोरोना मरीजों को अस्पताल में भर्ती किया जा सकेगा।
निजी अस्पताल के खिलाफ होगी कार्रवाई
जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज से मना किया तो निजी अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही अस्पताल में इलाज की व्यवस्था न होने पर कोविड-19 अस्पताल का परामर्श लेना अनिवार्य होगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही निजी अस्पतालों में कोविड-19 संक्रमित भर्ती मरीजों का इलाज किया जाए। वहीं, डीएम ने निजी अस्पतालों के साथ ही जिले के लैब संचालकों को कोविड-19 से संबंधित जांच व इलाज को लेकर भी जरूरी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर समेत संबंधित ब्यौरा हरहाल में रजिस्टर में दर्ज किया जाए। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।