Uttarakhand Premier League: उत्तराखंड प्रीमियर लीग अपने नॉक आउट चरण में पहुंच गई है। पहले संस्करण ने बता दिया कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। खासकर पर्वतीय जिले के खिलाड़ियों ने सभी को प्रभावित किया। कई ऐसे मुकाबले हुए जो आखिरी गेंद पर खत्म हुए। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड का ये प्रयोग सफल रहा है और अब उम्मीद है कि अगले साल उत्तराखंड प्रीमियर लीग का अवतार अलग होगा। पहले संस्करण में सागर रावत के बल्ले से पहला शतक निकला तो वहीं प्रतीक पांडे के बल्ले से सीजन का पहला अर्धशतक निकला।
इस बीच एक युवा ने अपने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के अंदाज से सभी को प्रभावित किया। पिथौरागढ़ के गणाईगंगोली के छोटे से गांव घोड़ासिला के मूल निवासी दिव्यम रावत ने नैनीताल निंजा के लिए शानदार प्रदर्शन किया। सलामी बल्लेबाज दिव्यम के बल्ले से 4 मुकाबलों में 123 रन निकले। उधमसिंह नगर के खिलाफ दिव्यम ने 41 गेंदों में 61 रनों की पारी खेली। उनकी इस पारी में 4 चौके और 4 छक्के शामिल रहे। 19 वर्षीय दिव्यम लीग में खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में शामिल रहे। हालांकि उनकी टीम नॉक आउट में प्रवेश नहीं कर पाई।
साल 2018 में घोड़ासिला के इस युवा ने उत्तराखंड अंडर-16 टीम में जगह बनाई। दिव्यम उत्तराखंड अंडर-16 टीम के पहले कप्तान भी है। इसके बाद उन्हें अंडर-19 टीम में भी जगह मिली। कूच बिहार ट्रॉफी 2021-2022 में दिव्यम ने लगातार दो शतक जड़े। 5 मुकाबलों में उनके बल्ले से 2 शतक और एक फिफ्टी निकली थी। पिछले साल दिव्यम रावत को नेशनल क्रिकेट एकेडमी द्वारा आयोजित कैंप में जगह मिली थी। इसके अलावा उनके बल्ले से डिस्ट्रिक्ट व जोनल लीग में खूब रन निकले थे। दिव्यम रावत का परिवार मौजूदा वक्त में हल्द्वानी में रहता है। उनके माता-पिता शिक्षक हैं। विधायक फकीर राम टम्टा ने भी कहा कि दिव्यम ने क्षेत्र का नाम रौशन किया है।