हल्द्वानी: चमोली में आई आपदा ने पूरे देश को झंझोर कर रख दिया है। रविवार से लोगों को बचाने व खोजने हेतु रेस्क्यू चल रहा है। कुल 206 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं बचाव दल ने 34 शवों को बाहर निकाल दिया है और 9 की शिनाख्त हो गई है। बुधवार को चौथे दिन भी राहत बचाव कार्य जारी है जो रविवार से चल रहा है। इस दौरान ड्रोन की भी मदद ली गई। ऋषिगंगा में जल प्रलय के बाद तपोवन जल विद्युत परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में फंसे तीन इंजीनियरों समेत 35 लोगों से बचाव दल अब सिर्फ 30 मीटर दूर है, ऐसी जानकारी सामने आ रही है।
सुरंग से मलबा निकालने में बचाव दल को परेशानी का सामना पड़ रहा है क्योकि वह पुराना होकर ठोस हो रहा है। ऐसे में ड्रोन की मदद ली गई लेकिन दल को अधिक कामयाबी नहीं मिल पाई। अभी भी लोगों को भरोसा है कि सुरंग में बंद हुए लोगों को वह बचा लेंगे।
दूसरी ओर बदरीनाथ हाईवे पर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किमी दूर शिवानंदी में अलकनंदा नदी किनारे एक महिला का शव मिला। एसडीआरएफ व डीडीआरएफ की टीम ने शव को जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में रखवा दिया है। कहा जा रहा है कि ऋषिगंगा में आई बाढ़ में बहकर शव यहां पहुंचा है। वहीं आपदा क्षेत्र से बहकर रुद्रप्रयाग पहुंचे शव की शिनाख्त सूरज पुत्र बेचू लाल, निवासी- बाबूपुर, जिला- लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।
दो अन्य लोगों को पता लगा लिया गया है जिनका नाम लापका सूची में था। सहारनपुर और चमोली के दो मजदूर अपने घरों पर मिले हैं।इसके चलते अब लापता लोगों की संख्या 170 हो गई है। दूसरी ओर हेलीकॉप्टर से लगातार नीती घाटी के गांवों में राहत सामग्री वितरित की जा रही हैं। हेलीकॉप्टर से आपदा प्रभावित क्षेत्रों पर भी नजर रखी जा रही है। राहत बचाव कार्य में डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली जा रही है।