हल्द्वानी: इस दुनिया से हमेशा के लिए जाने वाले तो चले जाते हैं, मौत तो उनकी होती है जो पीछे छूट जाते हैं। पीलीभीत में तैनात हल्द्वानी क्षेत्र के हवलदार की मौत से पूरा परिवार दुख में है। एक तरफ मां को सदमा लगा है तो दूसरी तरफ पत्नी बार बार बेहोश हो जा रही है। वैसे तो किसी पर शक नहीं लेकिन परिजनों को पोस्टमार्ट रिपोर्ट के आने का इंतज़ार है।
हल्द्वानी हल्दूचौड़ के धनपुर गांव के रहने वाले 42 वर्षीय राम चंद्र जलाल पीलीभीत में सीमा सुरक्षा बल की 49वीं बटालियन में हवलदार के पद पर तैनात थे। उनकी पीलीभीत में ही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।
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मंगलवार को उनका पार्थिव शरीर जब घर पहुंचा तो हवलदार की धर्मपत्नी रश्मि जलाल का तो रो-रो कर बुरा हाल था। जैसे ही उन्हें होश आ रहा था, वे फिर से बेहोश हो जा रही थी। मृतक हवलदार की अंत्येष्टी रानीबाग के चित्रशिला घाट में की गई। जवान को मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र लोकेश ने दी। इस दौरान बटालियन के साथियों ने अपने साथी को सैन्य सम्मान के साथ विदा किया।
हवलदार राम सिंह जलाल के अंतिम संस्कार के वक्त क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित चेहरे भी रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पहुंचे थे। जबकि क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और ग्रामीण काफी संख्या में सुबह ही उनके घर धनपुर टेल पहुंच गए थे। क्षेत्रीय विधायक नवीन दुुम्का, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गा पाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हरेंद्र बोरा नेे उनकी मौत पर शोक संवेदना व्यक्त की है।
मृतक हवलदार की पत्नी रश्मि जलाल गृहिणी हैं। उनके दो बेटो में से बड़ा बेटा लोकेश कक्षा 11 और दूसरा बेटा दिव्यांशु कक्षा पांच में पढ़ते हैं। बच्चों के अलावा घर में उनकी माता जसोदा जलाल भी रहती हैं। हवलदार राम सिंह जलाल की मां की हालत भी खबर के बाद से ठीक नहीं है। वह रह रह कर अपने लाल का नाम पुकार उठती हैं। कहती हैं कि मेरा लाल चला गया। परिजनों का कहना है कि उन्हें किसी पर कोई शक नहीं है। हालांकि उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बात कही है।
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