हल्द्वानी: शनिवार को हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई। जिसमें शहर के भिन्न स्कूलों के प्रधानाअध्यापकों ने हिस्सा लिया। इस बैठक का मुख्य विषय एनसीआरटी की किताब रही है। बैठक में पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोपाल बिष्ट ने कहा कि सरकार ने बिना कोई कमेठी बनाए और बिना अभिभावकों व शिक्षकों की राय से एनसीआरटी की किताबों को लागू करने का फैसला किया है। इस बैठक में हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के फैसले पर विरोध करते हुए प्रोग्रेसिव पब्लिक स्कूल एसोसिएशन का एनसीआरटी की किताबे लागू होने पर जारी विरोध का समर्थन किया। इसके चलते हल्द्वानी पब्लिक स्कूल एसोसिएशन ने 8 अप्रैल 2018 तक स्कूल बंद करने का फैसला किया है।
पब्लिक स्कूल एसोसिएशन के अनुसार रेफेंन्स किताबों को लेकर संशय बना हुआ है। इसकों लेकर सरकार को जल्द स्पष्टीकरण पेश करना चाहिए। इसके कारण हजारों शिक्षकों पर नौकरी खोने का खतरा मंडरा रहा है। पिछले दो सालों से सरकार ने आरटीआई शुल्क का भुगतान नहीं किया है। इस शुल्क का भुगतान अगर एक महीने के अंदर नहीं होता है तो स्कूल आरटीआई के अंतर्गत छात्रों को नए सत्र में प्रवेश नहीं दे पाएगा।
सरकार रेगुलेटिंग एक्ट आ रही है जिसमें स्कूलों को जांच के नाम पर बार-बार परेशान किया जाना बंद हो। वही सरकार को सरकारी स्कूलों के मानकों की भी जांच करनी चाहिए। क्या सरकारी स्कूलों की व्यवस्था उचित है? क्या वहां पर दी जा रही है सुविधा छात्रों के भविष्य के लिए ठीक है।
इस बैठक में महासचिव कैलाश भगत, पूर्व अध्यक्ष प्रवीण रौतेला, सुनील जोशी , आर.पी सिंह,मणिपुष्पक जोशी, अनिल जोशी, अनन्त एरिक्शन ,जीवन भाकुनी , मनोज डालाकोटी,सौरभ पाठक,कनिका बिद्रां,विकल बवाड़ी,राध एठानी सहित 48 स्कूलों के प्रधानाचार्य मौजूद रहे।