हल्द्वानी: कोरोना ने यात्रियों की आवाजाही पर तो वार किया ही किया। मगर इससे भी ज्यादा भयंकर मार इन यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने वाली परिवहन संबंधी व्यवस्थाओं को पड़ी है। अन्य सार्वजनिक वाहन सेवाओं की तरह केमू पर भी महामारी का भयानक असर पड़ा है। हालांकि अब कुछ राहत जरूर मिली है। कोरोना संक्रमण में आई कमी के कारण दोबारा सभी सेवाएं धीरे धीरे चालू होनी शुरू हो गई हैं। इसी कड़ी में केमू बसों की भी वापसी हो रही है।
दरअसल सरकार से केमू संचालकों का किराए को लेकर विवाद चल रहा था। जिसके कारण दो मई के बाद से संचालन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ था। एक तरफ केमू संचालकों की मांग थी कि किराए को दोगुना या डेढ़ गुना किया जाए। वहीं सरकार ने इन मांगों को मानने से इंकार कर दिया था। दरअसल केमू संचालकों की यह मांगें सरकार द्वारा 50 और फिर 75 प्रतिशत सवारियों के नियमों का लेकर थी।
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अब जब सरकार द्वारा मांगें नहीं मानी गईं तो 2 मई को बसें खड़ी कर दी गईं। बता दें कि पहाड़ के करीब 100 रूटों पर केमू की 350 बसों का संचालन होता है। जो पूरी तरह से ठप हो गया था। मगर अब फिर से सेवाऐं शुरू हो गई हैं। हालांकि अभी एकदम से सारी बसें नहीं चलाई जा सकती मगर अब पूरी सवारियों का आदेश आने पर केमू मालिकों ने बैठक के बाद संचालन के लिए हामी भर दी है।
लिहाजा बीती रात सरकार ने नई एसओपी जारी कर अब शत-प्रतिशत सवारियां ले जाने की अनुमति दी है। जिसके बाद कुमाऊं में आज से बसों का संचालन शुरू हो जाएगा। आज से पहाड़ी रूटों पर 39 दिनों के बाद केमू की बसें फिर से चलने लगेंगी। अब हल्द्वानी से पहाड़ों की ओर जाने वाले यात्रियों को परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी।
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