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राहुल गांधी का ऐलान- पार्टी को बता दिया है, मैं नहीं रहना चाहता कांग्रेस अध्यक्ष


नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि, उन्हें उस वक्त इस्तीफा देने से रोक दिया गया था, लेकिन राहुल गांधी ने उसी वक्त साफतौर से कहा था कि, जल्द ही पार्टी किसी नए चेहरे की तलाश कर दे जिसे कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जा सके। अब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(यूपीए) की बैठक में राहुल गांधी ने साफ कर दिया कि, वो कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रह सकते हैं।सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस के सभी सांसद मौजूद थे। इस दौरान सभी सांसदों ने राहुल गांधी से इस्तीफा नहीं देने की सिफारिश की। लेकिन राहुल गांधी ने किसी की बात नहीं मानी और उन्होंने पार्टी के सांसदों से साफतौर से कहा कि, वह कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहेंगे।

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी ने राहुल को अध्यक्ष बने रहने के लिए मनाने की कोशिश की। दोनों नेताओं ने तर्क दिया कि, हार सिर्फ आपकी जिम्मेदारी नहीं बल्कि सामूहिक है। लेकिन राहुल फिर भी हार की नैतिक जिम्मेदाकी अपनी मानते हुए अध्यक्ष पद पर नहीं बने रहने का फैसला दोहराया। बैठक में सभी 51 सांसदों ने राहुल से अपील की, लेकिन राहुल नेे उनकी बात मानने से इंकार कर दिया।

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इससे पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस के कार्यसमिति की बैठक के दौरान अपने इस्तीफे की पेशकश की थी। उस वक्त कार्यसमिति के सदस्यों ने राहुल गांधी के इस्तीफे को खारिज कर दिया था। इस बैठक में राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि, अध्यक्ष पद के लिए उनकी बहन प्रियंका गांधी का नाम प्रस्तावित ना किया जाए और साथ ही अगला अध्यक्ष किसी नॉन गांधी को बनाया जाए।

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