हल्द्वानीः शहर का सबसे विख्यात अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। स्वास्थ्य का अधिकार जनता का सबसे पहला अधिकार होता है। लेकिन शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव के चलते रोजाना कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर में बीते कुछ दिनों से स्वास्थ्य सेवाऐं चरमरा चूंकी है। और एक बार फिर सुशीला तिवारी अस्पताल की लापरवाही सामने आई है। सुशीला तिवारी अस्पताल में गर्भवती कोविड पॉजिटिव महिला का भर्ती पर्चा बनाने में साढ़े सात घंटे लग गए। गर्भवती अपने पति के साथ सड़क पर पूरी रात बैठी रही, मगर इमरजेंसी में डॉक्टर समेत तैनात अन्य स्टॉफ के लोगों ने उसकी जरा भी मदद नही की। सुबह 7:30 बजे डीएम का फोन आने के बाद गर्भवती महिला को भर्ती किया गया।
बता दें कि गुरुवार को सूर्यागांव भीमताल निवासी एक गर्भवती महिला की कोरोना जांच कराई गई। महिला के पति का कहना है कि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भीमताल थाने और अस्पताल से गुरुवार शाम करीब पांच बजे फोन आया कि महिला को एसटीएच ले जाना पड़ेगा। कुछ देर में एंबुलेंस पहुंचेगी। पति ने बताया कि एंबुलेंस दस बजे पहुंची। रात करीब 11:30 बजे वे एसटीएच पहुंचे। एसटीएच की इमरजेंसी में डॉक्टर ने पत्नी का परीक्षण किया और कहा कि बाहर इंतजार करो, भर्ती का पर्चा और कागज बनाकर अभी अंदर वार्ड में शिफ्ट करेंगे। पति ने बताया कि इमरजेंसी के बाहर सड़क पर उन्हें रात गुजारनी पड़ी। बारिश और मच्छरों से बचने के लिए उन्होने घर पर फोन करके गाड़ी बुलवाई। शुक्रवार सुबह चार बजे से साढ़े सात बजे तक वह गाड़ी में ही बैठे रहे। जब भी वे इमरजेंसी से बाहर आने वाले डॉक्टर समेत स्टाफ के अन्य लोगों से पूछते तो हर बार उन्हें एक ही जवाब दिया कि भर्ती के कागज बन रहे हैं और कागज बनते ही अंदर बुला लेंगे। इसके बाद उनके बड़े भाई ने किसी तरह अधिकारियों से संपर्क किया।
मामले की सूचना डीएम सवीन बंसल के पास पहुंची। उनके फोने के बाद शुक्रवार सुबह 7.30 बजे कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिला को भर्ती किया गया। महिला का पति कोविड निगेटिव है। वहीं डॉ सीपी भैसोड़ा का कहना है कि मामला गंभीर है और इसकी जांच कराई जाएगी।