हल्द्वानीः शहर के विख्यात सुशीला तिवारी अस्पताल एक बार फिर से सुर्खियों में है। स्वास्थ्य का अधिकार जनता का सबसे पहला अधिकार होता है। लेकिन शहर में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव के चलते रोजाना कई लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शहर में बीते कुछ दिनों से अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाऐं चरमरा चूंकी है। और एक बार फिर से सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों की सेहत के साथ खिलवाड़ हुआ है। अस्पताल के एक वार्ड में में भर्ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों ने गुरुवार को फफूंदी लगी ब्रेड को लेकर जमकर हंगामा हुआ।
बता दें कि गुरुवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे नाश्ता पहुंचा तो मरीजों ने ब्रेड में फफंदूी लगे होने की बात कहकर हंगामा कर दिया। मरीजों ने अस्पताल के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। हंगामे की सूचना एसटीएच के एमएस डॉ. अरुण जोशी और कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा को दी गई। डॉ जोशी ने मामले की सूचना एसटीएच के नोडल अधिकारी और केएमवीएन के एमडी रोहित मीणा, सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह और एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव को दी। सूचना मिलते ही सिटी मेजिस्ट्रेट, एसपी सिटी, सीओ, कोतवाल और मेडिकल चौकी इंचार्ज फोर्स के साथ मौके पर पहु्ंच गए। सिटी मेजिस्ट्रेट और एसपी सिटी द्वारा मरीजों को समझाने के बाद मामला शांत हुआ। वहीं डॉ. अरुण जोशी ने आरोप लगया है कि हंगामा कर रहे मरीजों ने डाक्टर और स्टाफ के अंदर पर पिटाई करने की धमकी दी।
एसपी सिटी का कहना है कि एसटीएट प्रबंधन की ओर से अगर दी जाएगी को मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। वहीं डॉ. सीपी भैसोड़ा का कहना है कि खाने की नियमित जांच की जा रही है और वीडियो बनवाएं जा रहे हैं। खाने की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है। वहीं इस मामले की शिकायत डीएम से की गई। इसके बाद जिला अभिहित अधिाकरी बीएस बिष्ट ने टीम के साथ अस्पताल की कैंटीन में छापा मारा। हालांकि फफूंदी लगी ब्रेड तो नहीं मिली, लेकिन टीम ने गंदगी, सामान को सही ढंग से नही रखने और कर्मचारियों के पास ड्रेस नही होने पर खाद्द अधिनियम की धारा 27 और 56 में कैंटीन संचालक को नोटिस दिया है। जब मरीजों के लिए एक वार्ड में सुबह का नाश्ता आया तो उसमें आई ब्रेड में फंफूदी निकली।