हल्द्वानीः वो कहते हैं ना प्यार की कोई भी परिभाषा नही होती। प्यार में इंसान कई बार सात समंदर पार कर जाता है। ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिला हल्द्वानी में। जहां एक दुल्हा सात समंदर पार अपनी दुल्हनिया को लेने हल्द्वानी पहुंचा। और दोनो ने अग्नि का साक्षी मानकर सात फेरे लिए। दुल्हे ने कुमाऊंनी रीति रिवाज से शादी की।
बता दें कि बुधवार को उत्तराखंड के नैनीताल के हल्द्वानी में ये शादी हुई। चौहानपाटा (रानीबाग) निवासी एक युवती ने जर्मन युवक के साथ हिंदू रीति रिवाज के साथ विवाह किया है। वर-वधू ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। चौहानपाटा निवासी गिरीश चंद्र की बेटी शिवानी आर्या कतर एयरवेज में एयर होस्टेस है। पांच वर्ष पहले उसकी तैनाती कतर एयरवेज में हुई। इसी दौरान कतर एयरवेज में ही पायलट जर्मनी के डसल डार्फ निवासी पैट्रिक जुम संडे से उसको प्यार हो गया।
शिवानी के कहने पर पैट्रिक के माता-पिता ने हिंदू रीति रिवाज के साथ शादी करने को मंजूरी दे दी। पैट्रिक के माता-पिता भी शादी में शामिल होने अपने रिश्तदारों और दोस्तों के साथ हल्द्वानी पहुंचे। विवाह समारोह पूरी तरह हिंदू परंपरा के साथ हुआ। इस मौके पर पैट्रिक की माता मोनिका जुम संडे और पिता बनार्ड जुम संडे ने कहा कि कुमाऊं की शादी की परंपरा काफी अच्छी है। यहां के रीति रिवाजों से हम मंत्र मूघ्ध हो गए। शिवानी के पिता गिरीश चंद्र आर्मी से रिटायर्ड सूबेदार हैं।
शिवानी की माता दीपा देवी, चाचा नवीन चंद्र, गंगा प्रसाद, दीपक टम्टा और रिश्तेदार भानुप्रकाश ने बताया कि महिला संगीत का कार्यक्रम भी हुआ। विवाह स्थल के पास ही एक होटल से बरात शुरू हुई। दूल्हा भी यहां के रीति रिवाजों के रंग में रंग गया और बग्घी पर सवार होकर समोराह पर पहुंचा। इसके बाद धूलि अर्घ्य, रिंग सेरेमनी आदि कार्यक्रम हुए। इस शादि के लिए कई लोग उत्साहित दिखे।