पीएम मोदी ने सोमवार को छात्रों के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में हिस्सा लिया। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में 2000 छात्रों के अलावा अभिभावकों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम के शुरुआत में पीएम मोदी ने छात्रों द्वारा लगाई गई पेंटिग्स की प्रदर्शनी को देखा और उन्हें काफी सराहा। फतेहपुर स्थित एबीएम स्कूल के विद्यार्थियों ने भी डिजिटल तकनीक की मदद से इस कार्यक्रम में भाग लिया। पीएम मोदी को सुनने के लिए बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला। इस मौके पर एबीएम स्कूल के प्रबंधक दिवस शर्मा ने कहा कि हमारा देश बदल रहा है। देश के मुख्या बच्चों की परीक्षा के लिए चिंतित हैं। यह दिखाता है कि वह देश के लिए नया उदाहरण पेश करना चाहते हैं। उम्मीद करते हैं कि पीएम मोदी की टिप्स बच्चों को परीक्षाओं में मदद करेगी।
नई तकनीक को सीखने के लिए छात्रों को प्रेरित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम सिर्फ इसका ज्ञान ही नहीं होना चाहिए बल्कि उसकी उपयोग अपने हित के लिए करना सीखना चाहिए। पीएम मोदी ने छात्रों से अपील की कि वो कम से कम 1 घंटा खुद को तकनीक से दूर रखें…इसके उनके जीवन में काफी बदलाव आएगा। इसके अलावा पीएम ने अभिभावकों से कहा कि वो छात्रों पर बेहतर अंक लाने या ऐक्स्ट्रा ऐक्टिविटी के लिए दबाव ना डालें।
उत्तराखंड के छात्र मयंक ने वीडियो मैसेज के जरिए पीएम से पूछा, ‘परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए हम कितना ध्यान लगाएं और क्या अंकों से सफलता को मापा जा सकता है?’ पीएम ने कहा, ‘सफलता-विफलता का टर्निंग पॉइंट मार्क्स बन गए हैं। मन इसी में रहता है कि एक बार ज्यादा अंक ले आऊं। मां-बाप भी ऐसा ही करते हैं। 10वीं के बाद 12वीं और उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम के लिए मां-बाप बच्चों पर प्रेशर डालते हैं।’ पीएम ने आगे कहा कि ‘आज जिंदगी बदल चुकी है…अंक पड़ाव हैं लेकिन ये जिंदगी है और अंक ही सब कुछ है, ये नहीं मानना चाहिए। हमें इस सोच से बाहर आना चाहिए। बच्चों के माता-पिता से गुजारिश करूंगा कि वो बच्चों पर प्रेशर न डालें…बच्चों को उनके मन की भी करने दें।’