Heavy rainfall in Uttarakhand:- उत्तराखंड में जहां गर्मी से लोग परेशान नजर आ रहे थे, वहीं एक बार फिर कुमाऊं में मौसम ने करवट बदल ली है। बुधवार को कुमाऊं के पर्वतीय जिलों में जोरदार बारिश के साथ ही ओलावृष्टि से जहां लोगों को गर्मी से राहत मिली, वहीं दूसरी तरफ यह बरसात लोगों के लिए आफत भी बन गई। कुमाऊं के जंगलों में लगी भीषण आग के लिए यह बारिश राहत बनकर तो आई लेकिन इसके कारण कई नदियां उफान पर आ गई।
खीर गंगा में आया उफान
बागेश्वर जिले के कपकोट में बुधवार दोपहर अतिवृष्टि से नदी नाले उफान पर आ गए। जबरदस्त बारिश और ओलावृष्टि के कारण बरसाती नाले उफना उठे और सड़क व पैदल रास्ते बंद हो गए। इस कारण जगह-जगह पर वाहन फंसे हुए नजर आए। कपकोट में बहने वाली खीर गंगा में भी उफान देखने को मिला, जिस कारण वहां अफरा तफरी मच गई। नदी किनारे कार्यरत मजदूरों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई। खीरगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से सरयू नदी का भी बहाव तेज हो गया। वहीं दूसरी तरफ उप जिलाधिकारी अनुराग आर्य ने बताया कि बीआरओ द्वारा देवीय आपदा कंट्रोल रूम को सूचित कर रास्ते खुलवाने के लिए लोडर मशीन भेजी गई है।
आकाशीय बिजली गिरने से 122 भेड़ बकरियों की मौत
कपकोट के गोगीना गांव में लामताड़ा क्षेत्र में आकाशीय बिजली गिरने के कारण एक साथ 122 भेड़ बकरियां मर गई। बताते चलें कि गोगिना गांव के भेड़ पालक भेड़ –बकरियां चराने के लिए लामताड़ा क्षेत्र में गए थे, जहां अचानक आकाशीय बिजली गिरने के कारण 122 भेड़ बकरियां की मृत्यु हो गई। वहीं दूसरी तरफ कई भेड़ बकरियां घायल भी हो गए हैं।
पिथौरागढ़ में बारिश से ध्वस्त हुआ मकान
पिथौरागढ़ में भी जमकर हुई बारिश ने लोगों के लिए आफत खड़ी कर दी है। पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट तहसील क्षेत्र में मंगलवार शाम से ही आंधी तूफान के कारण चामी गांव के एक मकान की दीवार गिर गई और खिड़की दरवाजे क्षतिग्रस्त हो गए। आंधी से गांव में कई पेड़ धराशायी भी हो गए और आड़ू, पुलम आदि फलों को खासा नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा अन्य क्षेत्र जैसे कि बाकू, बरा गांव ,मिर्थी, तोली, चामा समेत कई गांव में मंगलवार रात हुई ओलावृष्टि से खड़ी फसल और साग सब्जी को नुकसान पहुंचा है।