हल्द्वानी: शायद ही कोई क्षेत्र हो जहां उत्तराखंड का युवा अपनी छाप नहीं छोड़ता हो… खेल से लेकर फिल्मी जगत में उत्तराखंड के युवा अपनी पहचान बना रहे हैं। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी युवाओं ने भारत ही नहीं विदेशों में भी नाम कमाया है। हल्द्वानी लाइव आपकों ऐसे कई युवाओं के बारे में बता चुका है, जिन्होंने पहाड़ से निकलकर एक पहचान बनाई और आज उनके परिश्रम से सैकड़ों युवा प्रेरित हो रहे हैं।
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अल्मोड़ा जिले के बिंता गांव निवासी डॉक्टर मनीषा ठकुराठी जोशी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, हो भी क्यों ना पहाड़ की बेटी देश के सबसे बड़े कॉलेज में प्रोफेसर जो बन गई है। मनीषा का चयन आईआईटी दिल्ली में भौतिक विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के रुप मे हुआ है। उनकी इस कामयाबी से पूरा गांव खुशी से झूम उठा है। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग जगह से भी लोग उन्हें बधाई दे रहे हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि मनीषा ने अपनी इस अभूतपूर्व उपलब्धि से न सिर्फ बिंता गांव का नाम रोशन किया है।
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मनीषा के पिता का नाम होशियार सिंह है और मां का नाम शंकुन्तला देवी है। अपनी बेटी की कामयाबी से दोनों काफी खुश हैं। मनीषा जोशी बचपन से ही पढ़ने में तेज थी। उनका बचपन पिथौरागढ़ में बिता और यही से उन्होंने स्कूल की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उनका चयन पंतनगर यूनिवर्सिटी में हुआ। पंतनगर यूनिवर्सिटी से एमएससी की और उसके बाद आईआईएससी बेंगलुरु से पीएचडी करने के पश्चात वह पढ़ाई के लिए विदेश चली गई। उन्होंने स्विट्ज़रलैंड की वासेल यूनिवर्सिटी तथा वाटरलू यूनिवर्सिटी कनाडा से अपनी पढ़ाई पूरी की। अब वह आईआईटी दिल्ली में भौतिक विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर बन गई है। मनीषा की कामयाबी ने एक बार फिर पूरे उत्तराखंड के संदेश दिया है कि पहाड़ की बेटियों को अगर मंच मिले तो वह कुछ भी हासिल कर सकती है।
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