हल्द्वानी:देहरादून के नेश्विवला रोड के रहने वाले मेजर विभूति शंकर ढौंढियाल सोमवार को पुलवामा में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गई। उनकी शहादत ने पूरे राज्य को गमगीन कर दिया। उनकी शादी को एक साल भी नहीं हुआ था। घर में दादी, पत्नी और मां थी। वही मेजर घर के एकलौते चिराग थे। उनकी अंतिम यात्रा के दौरान सामने आये दृश्यों ने पूरे देश को रुला दिया। पत्नी निकिता ने अपने पति की शहादत पर गर्व महसूस किया और सैल्यूट करते हुए उन्हें विदा किया। अंतिम यात्रा के दौरान निकिता कभी मेजर को चूमती नजर आई और कभी उन्हें आई लव यू बोलती।
पत्नी निकिता ने कहा कि ये वक्त आंसू बहाने का नहीं बल्कि उस इंसान पर गर्व करने का है, जो देश के उन लोगों के लिए शहीद हुआ जिन्हें वो जानता भी नहीं था। बतौर सैन्य अधिकारी की पत्नी मुझे इसकी कीमत देनी पड़ेगी और उसके लिए मैं तैयार हूं। मेजर के पार्थिव शरीर के साथ अपनी अंतिम मुलाकात में उन्होंने कहा कि वो थोड़ा जलन महसूस कर रही है क्योंकि विभूति उनसे ज्यादा अपने देश से प्यार करते हैं।
शहीद की पत्नी निकिता कौल ने बताया कि मेजर और वो एक दूसरे को पिछले 4 साल से जानते थे और दोस्त थे। इसी बीच दोनों में प्यार हुआ और शादी करने का फैसला किया। कल ही तो शादी को दस महीने हुए थे। शादी के बाद दो बार मेजर घर आए थे। उन्होंने बताया कि घटना से एक दिन पहले उनकी और मेजर की बात हुई थी।निकिता कहती हैं, मैंने फौजी से शादी की। इतनी मजबूत हूं ही कि खुद और परिवार को संभाल सकूं। विभूति शादी के बाद दो बार ही छुट्टी आए थे। दिसंबर में तो 11 दिन के लिए ही आए। कई सपने थे। अरमान थे। प्यार क्या होता है, यह अहसास विभूति ने ही कराया। वह मेरा सम्मान करते थे। अप्रैल में शादी की सालगिरह की प्लानिंग चल रही थी।