देहरादून: आतंकियों से जम्मू-कश्मीर में लोहा लेते हुए उत्तराखंड़ ऋषिकेश के रहने वाले राकेश डोभाल शहीद हो गए। उनकी शहदत की खबर ने पूरे परिवार को गमगीन कर दिया। परिवार दिवाली की तैयारियों में जुटा था और बॉर्डर से बेटे की शहादत की खबर आ गई। सोमवार को वीर राकेश डोभाल का पार्थिव शरीर ऋषिकेश पहुंचा और राज्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई है। इस मौके पर पूरा क्षेत्र वीर के जयकारों से गूंज उठा। राकेश डोभाल बीएसएफ के जवान थे और बारमूला में तैनात थे। गोलीबारी में वह घायल हो गए थे। इलाज के लिए उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था लेकिन उन्होंने बचाया नहीं जा सका।
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शहीद सब इंस्पेक्टर राकेश अपने पीछे पत्नी संतोषी देवी और दस वर्षीय मासूम बेटी दित्या के साथ पूरे परिवार को रोता-बिलखता छोड़कर गए हैं। सब इंस्पेक्टर राकेश 2004 में सेना में भर्ती हुए थे। शहीद की मां विमला राजकीय महाविद्यालय कार्यालय में तैनात हैं जबकि शहीद का बड़ा भाई दीपक डोभाल ग्राफिक एरा देहरादून में टीचर है तथा छोटा भाई उमेश डोभाल दिल्ली के एक होटल में काम करता है। पाकिस्तान की ओर से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है। ठंड का सीजन शुरू होने के बाद से पाकिस्तान में छिपी आतंकी भारत में घुसने का प्रयास करते हैं। इसके लिए उन्हें पाकिस्तानी सेना का समर्थन मिलता है। इसी गोलीबारी में राकेश शहीद हुए।न्यूज रिपोर्ट्स के अनुसार कुल 2 जवानों और 4 नागरिकों की मृत्यु हुई है।
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सोमवार को वीर के आखिरी दर्शन करने के लिए उनके आवास में लोगों का तांता लगा रहा। इस बीच पत्रकारों से उनकी बेटी नित्या से बात की तो उन्होंने सेना के जवानों की बहादुरी के संबंध में देश को संदेश दिया। पिता के खोने के बाद भी मासूम नित्या की आवाज में एक जज्बा दिखाई दे रहा था जो शायद ही इतनी छोटी बच्ची में दिखाई दे। उन्होंने कहा कि फौजी हमारी और हमारे देश की रक्षा करते हैं। इसके लिए वह अपनी प्राण निछावर करने से भी नहीं कतराते हैं।
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