हल्द्वानी: कोलेस्ट्रॉल के कारण कई प्रकार की बीमारियां होती है। हाई कोलेस्ट्रॉल शरीर के घातक माना जाता है। हल्द्वानी स्थित साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने इस विषय में टिप्स दी। उन्होंने बताया कि यह प्रकार का लुब्रीकेंट है, जो ब्लड सेल्स में पाया जाता है। हार्मोंस के निर्माण, शरीर में कोशिकाओं को स्वस्थ और ठीक रखने का काम करता है। कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर खून का गाढ़ा होना, आर्टरी ब्लॉकेज, स्टोक्स, हार्ट अटैक और दिल की अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए शरीर में सही मात्रा में कोलेस्ट्राल होना बहुत जरूरी है।
हालांकि, बॉडी में हाई कॉलेस्ट्रॉल की मात्रा देखने के लिए टेस्ट करवाना होता है लेकिन कुछ आसान लक्षणों के द्वारा भी आपको पता चल सकता है कि शरीर में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ रही है। इसे पहचानकर आप समय रहते शरीर में कोलेस्ट्राल लेवल को कंट्रोल कर सकते हैं। तो चलिए जानते हैं शरीर में कोलेस्ट्रोल लेवल बढ़ने के कुछ संकेत।
कितनी होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल की मात्रा?
हल्द्वानी स्थित साहस होम्योपैथिक क्लीनिक के डॉक्टर एनसी पांडे ने बताया कि शरीर में नार्मल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा (200 mg/dL या इससे कम) होनी चाहिए। बॉर्डर लाइन कोलेस्ट्रॉल (200 से 239 mg/dL) के बीच और हाई कोलेस्ट्रॉल (240mg/dL) होना चाहिए। गुड कोलेस्ट्रॉल कोरोनरी हार्ट डिसीज और स्ट्रोक को रोकता है। यह कोलेस्ट्रॉल को कोशिकाओं से वापस लीवर में ले जाता है। लीवर में जाकर या तो यह टूट जाता है या फिर व्यर्थ पदार्थों के साथ शरीर के बाहर निकाल जाता है।
डॉक्टर नवीन पांडे ने हाई कोलेस्ट्रॉल को रोकने के लिए होम्योपैथिक दवाएं बताई जो इस परेशानी से राहत देगी। उन्होंने कहा कि GAUTTERIA GAUMERI Q होम्योपैथिक दवा कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रखने में मदद करती है। उन्होंने वीडियो के माध्यम से पूरी जानकारी दी।