हल्द्वानी: कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जितने भरसक प्रयास डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंट लाइन वर्करों, सफाई कर्मियों व सामाजिक संस्थाओं ने किए हैं। उतने ही शानदार प्रयास पुलिस द्वारा भी किए गए हैं। उत्तराखंड पुलिस ने भी अपनी जान को जोखिम में डालकर जनसेवा की है। जब कर्फ्यू व लॉकडाउन में पूरा प्रदेश अपने घरों में बैठा था तो पुलिस के यह जवान ही थे जो हमारी रक्षा और हमें महामारी से बचाने के लिए सड़कों पर खड़े थे।
उत्तराखंड पुलिस के कितने जवान, अधिकारी तो कोरोना से संक्रमित भी हुए। कुछ ने दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा भी किया लेकिन फिर भी अन्य कर्मियों का हौसला ज़रा भी डिगा नहीं। जनजागरुकता अभियान में भी उत्तराखंड पुलिस का कोई सानी नही है। इधर नैनीताल पुलिस के जो वीर जवान कोरोना होने के बाद उसपर विजय हासिल कर रहे हैं। वे तुरंत अपला प्लाज्मा दान कर ज़रूरतमंदों की जिंदगी बचा रहे हैं। ऐसे में अब उत्तराखंड पुलिस को भी एंबुलेंस मिली हैं।
दरअसल महामारी के दौरान पुलिसकर्मियों व उनके परिजनों की मेडिकल सहायता के लिए काम किया जा रहा है। जिसमें सबसे पहले नैनीताल व काठगोदाम पुलिस चौकी में 26 बेड का कोविड केयर सेंटर बनाया गया है। इसी कड़ी में गुरुवार को पुलिस की ओर से एंबुलेंस सेवा भी शुरू की है। जिसके लिए एसएसपी प्रीति प्रियदर्शिनी ने हरी झंडी दिखाई। बता दें कि इस वाहन की सेवा प्राथमिक तौर पर पुलिस कर्मियों व उनके परिजनों को मिलेगी। लेकिन ज़रूरत पड़ने पर स्थानीय लोगों की सेवा में भी इसे भेजा जाएगा।
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