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उत्तराखंड: मास्क के साथ भी इस्तेमाल कर सकेंगे ऑक्सीजन पंप,10वीं के आदेश डबराल ने किया आविष्कार

देहरादून: क्षेत्र के एक स्कूल में पढ़ने वाले दसवीं के छात्र ने गजब कर दिया है। उसने महामारी के इस दौर में अपनी नई सोच के माध्यम से पोर्टेबल ऑक्सीजन पंप तैयार किया है। जिससे मरीजों को अचानक से होने वाली सांस की दिक्कतों को दूर किया जा सकेगा। और तो और इस पंप को अपने साथ एक जगह से दूसरी जगह भी ले जाया जा सकता है।

बच्चे इस आधुनिक दौर में बहुत ही तेज माने जाते हैं, यो तो सब मानते हैं। लेकिन कोरोना के इस संवेदनशील दौर में एक दसवीं का छात्र लोगों की जिंदगी बनाने हेतु अभिनव प्रयास करेगा, ये किसी ने नहीं सोचा होगा। टिहरी जिले के चंबा निवासी आदेश डबराल ने दसवीं कछा का छात्र होते हुए वो कर दिखाया जो बड़े बड़े नहीं कर पाते हैं।

आदेश डबराल ने एक ऑक्सीजन पंप तैयार किया है जो कि पोर्टेबल है। आदेश ने दावा किया है कि अचानक से सांस में परेशानी होने पर, अस्पताल तर पहुंचने के लिए ऑक्सीजन की किल्लत होने पर, आपात स्थितियों में शरीर को ऑक्सीजन देने में, यह पंप संजीवनी की तरह काम करता है। मास्क लगाने पर ऑक्सीजन की कमी होने को भी यह पंप दूर करेगा। बस इस पंप को मास्क के नीचे लगाना होगा।

बता दें कि आदेश चंबा के ही कारमन स्कूल में पढ़ रहे आदेश इंजीनियरिंग में खासा रुचि रखते हैं। आदेश ने बताया कि आस पास में ऑक्सीजन सिलेंडरों की किल्लत ही वह वजह बनी जिसे देखकर उसने पोर्टेबल ऑक्सीजन पंप तैयार करने के ख्याल पर काम करना शुरू किया। हालांकि इसके लिए कई किताबें, पढ़ाई व वस्तुओं का इस्तेमाल किया गया लेकिन अंत में उपकरण तैयार हो ही गया।

फिलहाल आदेश ने इस पंप को टेस्टिंग के लिए अपने ही परिवार के सदस्यों को दिया है। जानकारी के अनुसार वे इसके बाद ब्लूटूथ वैक्यूम क्लीनर भी बना रहे हैं। आदेश से पता चला कि इस पंप में एक ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बैटरी पंप, प्यूरीफायर और एक पाइप मौजूद है। सिलेंडर रिफिल हो सकता है। पंप को खोलने के लिए ऑन/ऑफ स्विच भी लगा है।

इस पंप में ऑक्सीजन की मात्रा भी नियंत्रित की जा सकती है। यह पंप हवा को शुद्ध भी करता है। सामान्य स्थिति में पंप से सिलिंडर को हटाकर शुद्ध हवा के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। आदेश का कहना है कि नॉर्मल स्थिति में हवा के साथ इस पंप का इस्तेमाल करने पर इसमें लगा ऑक्सीजन का सिलिंडर पूरा दिन चल सकता है, जबकि सिर्फ ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने पर चार घंटे तक चलेगा।

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