नई दिल्ली: पूरे देश की नजर मध्य प्रदेश पर लगी हुई है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़ भाजपा में एंट्री ले ली है। उनके इस कदम से कांग्रेस टीम में हलचल पैदा हो गई है। भाजपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सिंधिया को सदस्यता दिलवाई। सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने के 27 घंटे बाद भाजपा की सदस्यता दिलाई। भाजपा में शामिल होने के बाद सिंधिया ने पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृहमंत्री अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी का धन्यवाद कहा। इस दौरान उन्होंने अपने पिता माधव राव सिंधिया को भी याद किया।
सिंधिया ने कहा कि मेरे जीवन में दो तारीखें बहुत महत्वपूर्ण रहीं। कई बार जीवन में ऐसे मोड़ आते हैं, जो जीवन को बदलते हैं। पहला दिवस 30 सितंबर 2001, जिस दिन मैंने अपने पूज्य पिताजी को खोया। एक जवीन बदलने का दिवस था। दूसरी तारीख 10 मार्च 2020, जो उनकी 75वीं वर्षगांठ थी। जहां जीवन में एक नई परिकल्पना और नए मोड़ का सामना करके मैंने एक फैसला लिया। मैंने हमेशा माना है कि जिंदगी में हमारा लक्ष्य जनसेवा होना चाहिए।
राजनीति केवल उस लक्ष्य की पूर्ति करने का एक माध्यम होना चाहिए, उससे ज्यादा नहीं। मेरे पूज्य पिताजी और 18-19 साल में जो वक्त मुझे मिला, प्राणप्रण और श्रद्धा के साथ प्रदेश और देश की सेवा करने की कोशिश की। आज जो स्थिति पैदा हुआ है उसे मन व्यथित और दुखी है। मैं यह विश्वास के साथ कह सकता हूं कि जनसेवा के लक्ष्य की पूर्ति आज कांग्रेस के माध्यम से नहीं हो पा रही है।
सिंधिया के भाजपा में शामिल होने पर अध्यक्ष जेपी जेपी नड्डा ने कहा हम सबके लिए खुशी का विषय है। मैं वरिष्ठतम नेता स्वर्गीय राजमाता सिंधियाजी को याद करता हूं, जो भारतीय जनसंघ में थीं। जनसंघ और भाजपा की स्थापना से लेकर विचारधारा को बढ़ाने में राजमाता सिंधियाजी का बहुत बड़ा योगदान रहा है। हमारे लिए राजमाताजी आदर्श थीं, दृष्टि और दिशा देने वाली नेता रहीं। जनसंघ और भाजपा के शैशव काल से ही उन्होंने दिनरात काम किया। हमारे लिए खुशी की बात है कि उनके पौत्र ज्योतिरादित्य सिंधियाजी भाजपा में शामिल हुए हैं। मैं उनका अभिनंदन करता हूं।