नई दिल्ली: उन्नाव में दर्रिंदगी का शिकार हुई पीडिता ने शुक्रवार रात 11.40 में दिल्ली के सफदरगंज हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। बता दें कि गुरुवार सुबह ही उन्नाव में 5 दरिंदों ने उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। आरोपियों में से एक पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप का मुख्य आरोपी भी शामिल था।
सफदरजंग अस्पताल के बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शलभ कुमार ने बताया कि पीडिता की शाम में उसकी हालत खराब होने लगी। करीब रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमारे बेहतर प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। पीडिता को लखनऊ से दिल्ली तक एयरलिफ्ट किया गया था। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने उसे हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक ले जाने के लिए ग्रीन कॉरीडोर बनाया था। वह बोल नहीं पा रही थी लेकिन मरने से पहले उसने अपने भाई से भी कहा कि उसके गुनहगारों को छोड़ना नहीं। ‘क्या मैं बच जाऊंगी? मैं मरना नहीं चाहती’ …
पीडिता 90 प्रतिशत जल गई थी। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है। पीड़िता के महत्वपूर्ण अंग ठीक से काम करना बंद कर दिया था। डॉक्टरों ने इलाज के लिए अलग आईसीयू कक्ष बनाया था।पीड़िता ने एसडीएम दयाशंकर पाठक के सामने दिए बयान में बताया था कि वह मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी। जब वह गौरा मोड़ के पास पहुंची थी तभी पहले से मौजूद गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, रामकिशोर त्रिवेदी, उमेश बाजपेयी और बलात्कार के आरोपित शिवम त्रिवेदी, शुभम त्रिवेदी ने उस पर हमला कर दिया और उस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि शिवम और शुभम त्रिवेदी ने दिसंबर 2018 में उसे अगवा कर उससे बलात्कार किया था. हालांकि इस संबंध में प्राथमिकी मार्च में दर्ज की गयी थी। पुलिस के अनुसार पीड़िता अधजली अवस्था में काफी दूर तक दौड़ कर आयी। प्रत्यक्षदर्शियों ने जब उसे देखा तो पुलिस को इसकी सूचना दी।मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भेजा जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। बाद में जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने उसकी स्थिति गंभीर देखते हुए लखनऊ के लिए रेफर कर दिया था, जहां से उसे एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया। पीड़िता जलने के बाद एक किलो मीटर भागी थी। उसने खुद पुलिस को इस बारे में जानकारी दी। यह घटना उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के सिंदुपुर गांव की है। पीड़िता ने बताया कि वह गैंगरेप मामले की सुनवाई के लिए रायबरेली जा रही थी