हल्द्वानी: अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर धरम चंद अब हमारे बीच नहीं रहे। उनके निधन पर पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत ने गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि धरम चंद ने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर प ऊंचा किया। उन्होंने रिंग के अंदर ऐसा प्रदर्शन किया जिसने राज्य के युवाओं को बॉक्सिंग में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने राज्य को काफी कुछ दिया है और आगे भी दे सकते थे। उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकती है। उनका निधन खेल जगत के लिए बड़ी क्षति है। बता दें कि कोरोना संक्रमित अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज कैप्टन धरम चंद का सोमवार तड़के इलाज के दौरान निधन हो गया। वह 67 वर्ष के थे।
विधायक पंत ने कहा कि कैप्टन धरम चंद का सपना था कि वह युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक बॉक्सिंग रिंग बनाए। उनके सपने को हम पूरा करने की कोशिश करेंगे। इसके लिए विधायक निधि से राशि स्वीकृत की गई है। उनके सम्मान पर इस बॉक्सिंग रिंग का नाम उनके नाम पर रखा जाएगा। बुधवार को पिथौरागढ़ के गांधी चौक में विभिन्न संगठनों ने शोकसभा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने कहा कि कैप्टन धरम चंद का जीवन बाक्सिंग को समर्पित था।
विधायक के अलावा बॉक्सर धरम चंद के निधन पर सीमांत जिले के खिलाड़ियों और कई संगठनों में शोक जताया है। धरम चंद अपनी प्रतिभा और खेल के प्रति समर्पण के लिए सदैव जाने जाएंगे। श्रद्धांजलि सभा में जिला क्रीड़ा अधिकारी संजीव पौरी, अजय राठौर, बहादुर बोरा, जुगल किशोर पांडेय, तपन रावत, डीएन भट्ट, गोपाल सती, वीवी भट्ट, जनार्दन वल्दिया, डॉ. गुरुकुलानंद कच्चाहारी, मानसिंह खोलिया, राजेंद्र देवलाल, प्रकाश थापा, गोविंद सौन, सतीश कुमार, ललित कुंवर, धर्मेंद्र बोरा, सुनीता मेहता, भावना कापड़ी शामिल हुए। बता दें कि देवीचंद, पदम बहादुर गुरुंग, कवींद्र बिष्ट जैसे अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजों ने धरम चंद से बॉक्सिंग की बारीकियां सीखीं थी। मुक्केबाज धरम चंद नेशनल कोच भी रहे थे। पूरे उत्तराखंड में युवाओं को खेल के प्रति जागरूक करने में उनका अहम योगदान रहा था।