नई दिल्ली:राजस्थान विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने वाले हैं लेकिन कांग्रेस में घमासान कम नहीं हो रहा है। अब पार्टी दोबारा सरकार बनाने की तैयारियों में तो जुटी है लेकिन अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी कम नहीं हो रही है। साल 2018 में कांग्रेस चुनाव जीती थी और श्रेय सचिन पायलट को मिला था लेकिन उन्हें मुक्यमंत्री नहीं बनाया गया। जब से पायलट नाराज हो गए और कई बार वह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर तंज भी कस चुके हैं।
पिछले दिनों सचिन पायलट ने अनशन भी किया था जो भाजपा की तत्कालीन सरकार के खिलाफ था लेकिन कांग्रेस की इससे किरकिरी हो गई। इस बीच परीक्षा पेपर लीक मामले में भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मां करते आ रहे हैं। सचिन पायलट का हर कदम या फिर कथन कांग्रेस को चुभ रहा है। अनशन के बाद सचिन पायलट को कांग्रेस ने कर्नाटक चुनाव के स्टार प्रचारक की सूची से भी बाहर कर दिया। अब कयास लगाए जा रहे है कि सचिन पायलट नई पार्टी बना सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गहलोत सरकार के कुछ मंत्रियों के व्यक्तव्य से सचिन पायलट को सपोर्ट मिल रहा है। कहा जा रहा है कि 15 से 20 विधायक पायलट के समर्थन में कांग्रेस से अलग हो सकते हैं। सचिन पायलट को भाजपा और हनुमान बेनीवाल के साथ ही आप पार्टी से गठबंधन करने के प्रस्ताव आए हैं। सूत्रों की माने तो पायलट की पार्टी का नाम ‘आर’ अक्षर से शुरू होगा।