नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस की चर्चा चल रही है। वैक्सीन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है लेकिन राजस्थान में कोरोना चर्चा के अलावा सियासी चर्चा भी तेजी से बढ़ रही है। राज्य के दिग्गज नेताओं के दिल्ली दौरे ने नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है। कांग्रेस में गहलोत और पायलट तो बीजेपी में वसुंधरा और प्रदेश संगठन दो खेमों में नजर आ रहा है।
बीजेपी में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पोस्टर हटाने से नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश पार्टी कार्यलय से राजे का फोटो ना होने से वह नाराज चल रही है। विरोधी दल इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अभी भी समर्थन खेमा राजे को राजस्थान भाजपा का नंबर वन चेहरा बोल रहा है। पूर्व यूडीएच मंत्री और छबड़ा विधायक हाड़ौती से पूर्व मंत्री सिंघवी ने वसुंधरा राजे के समर्थन में उतरे और विरोधी खेमों को निशाने पर लिया।
सिंघवी ने कहा कि राजे देश और प्रदेश की बड़ी नेता हैं। उन्होंने वसुंधरा के लिए क्राउड पुलर नाम का इस्तेमाल किया और कहा कि वह 15 से 20% वोट स्विंग कराने की ताकत रखती हैं। वसुंधरा का राजस्थान में कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने सबसे पहले बहुमत की सरकार स्थापित की थी। उनके खिलाफ बयानबाजी सही नहीं है। वह एक ऐसी नेता है जो 36 कौम के दिलों में राज करती हैं। राजे के खिलाफ 2018 में जो चुनाव हुआ लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपने नेतृत्व में भाजपा के खाते में 73 सीटें डाली। कांग्रेस ने सरकार बनाई थी लेकिन दोनों पार्टियों में केवल 1.50 लाख वोटों का अंतर था।