हल्द्वानी: जरूरी नहीं है कि पहली बार कोई कार्य किया जाए और उसे कामयाबी हासिल हो.. लेकिन उस कामयाबी की तरफ बढ़ने वाली भूख आपको अलग बनाती है। उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम ने गत चैंपियन विदर्भ के सामने कुछ ऐसा ही खेल पेश किया जिसने पूरे भारतीय क्रिकेट जगत की निगाहे उनके प्रदर्शन की तरफ मोड़ दी। एक टीम जिसने पिछला रणजी सीजन अपने नाम किया हो और एक टीम को पहली बार रणजी खेल रही हो।
मैच ( 15-1-2018) से पहले अधिकतरों ने सोचा होगा कि टीम उत्तराखण्ड विदर्भ के आगे पहले ही दिन हथियार डाल देगी लेकिन हुआ बिल्कुल अलग। टीम उत्तराखण्ड ने चैपियन विदर्भ के खिलाड़ियों का खूब पसीना निकाला और रणजी 2018/2019 सीजन के पहले नॉक आउट के पहले दिन का खेल खत्म होने तक 6 विकेट के नुकसान पर 293 रन बना लिए।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी उत्तराखण्ड क्रिकेट टीम शुरुआत अच्छी नहीं रही। कप्तान विनित सक्सेना 5, वैभव भट्ट 5 और करणवीर कौशल 31 रन बनाकर आउट हो गए। करणवीर कैशल और वैभव भट्ट को टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने आउट किया। उस वक्त टीम का स्कोर 44 पर तीन विकेट था।
ऐसा लगा कि विदर्भ की टीम उत्तराखण्ड टीम पर हावी हो जाएगी लेकिन 18 साल से इस बड़े मंच का सपना देख रहे उत्तराखण्ड के सितारे कुछ और ही सोचकर मैदान पर उतरे थे। अंडर-19 टीम में शानदार प्रदर्शन करने वाले अवनीश सुधा ने अपने चयन को बिल्कुल ठीक करार दिया और वैभव के साथ टीम को संकट से उभारा । दोनों ही बल्लेबाजों ने विदर्भ के गेंदबाजों को विकेट के लिए तरसा दिया। दोनों के बीच चौथे विकेट के लिए 140 रनों से साझेदारी हुई। वैभव ने शानदार 67 रनों की पारी खेली। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरे सौरभ रावत ने फिर अपनी संकटमोचक पहचान के अनुसार बल्लेबाजी की। सुधा भी अच्छी लय में नजर आ रहे थे लेकिन शतक से 9 रन पहले वो आउट हो गए। सौरभ और अवनीश के बीच 5वें विकेट के लिए 48 रनों की साझेदारी हुई। इसके बाद भी सौरभ ने दूसरा छोर मजूबती से पकड़कर रखा। दिन का खेल खत्म होने से कुछ देर पहले मलोलन रंगाराजन 19 रन पर आउट हो गए। सौरभ रावत 68 रन और मंयक मिश्रा 1 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद है। विदर्भ की तरफ से उमेश के अलावा वाखरे और रजनीश गुरबाणी ने भी दो- दो विकेट लिये।
उत्तराखण्ड क्रिकेट फैंस अपनी टीम के इस प्रदर्शन से काफी खुश दिखे। क्रिकेट एक्सपर्ट किशन सिंह ने टीम उत्तराखण्ड के इस प्रदर्शन को चैंपियन का खेल करार दिया। चैंपियन विदर्भ के प्लान पर पानी फेरने पर टीम उत्तराखण्ड कामयाब हुई है क्योंकि मैच से पहले ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि विदर्भ पहले दिन ही बल्लेबाजी करने उतरेगा। उन्होंने कहा कि पहली बार रणजी में भाग ले रही इस टीम ने सभी को अपने खेल से प्रभावित किया। इस टीम का एकजुट होना उसकी सबसे बड़ी ताकत है। हर खिलाड़ी अपने रोल को पहचानता है। टीम उत्तराखण्ड टीम ने रणजी मे अपने प्रदर्शन से लाखों क्रिकेट फैंस का दिल जीता है।