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तैयारी शुरू: रोपवे में होगी हल्द्वानी से नैनीताल की यात्रा,मिनटों में पूरा होगा सफर


हल्द्वानी: उत्तराखंड राज्य मुख्य तौर पर अपनी खूबसूरती और अपनी संस्कृति के लिये जाना जाता है। विश्व पटल पर उत्तराखंड को पहचान दिलाने का सबसे ज़्यादा श्रेय अगर किसी शहर को जाता है तो वो है सरोवर नगरी नैनीताल। नैनीताल ने अपने परिवेश, अपनी खूबसूरती एवं अपनी आबो हवा से ना जाने कितने ही पर्यटकों को अपना दीवाना बनाये हुआ है। दीवानों की यह गिनती और दीवानों की चाहत नैनीताल के प्रति हमेशा से बढ़ती ही रही है। लेकिन कुछ एक समस्याएं हैं जो अधिकतर इस खूबसूरत शहर की सुंदरता में सेंध मारने का काम करती हैं। जिसमें से पार्किंग एक बड़ी परेशानी है। यह एक ऐसी परेशानी है जिसका उपाय सरकार काफी गंभीरता से ढूंढ रही थी। मगर अब शहर की छवि खराब करती पार्किंग की दुविधा दूर जाती नज़र आ रही है। दरअसल काठगोदाम से नैनीताल के बीच रोपवे बनाए जाने की योजना अब सकारात्मक मोड़ ले चुकी है।

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रोपवे का बनना, शहर घूमने आए पर्यटकों के लिये काफी सुखद अनुभूति देने वाली खबर है। पार्किंग की समस्या और वाहनों पर से दवाव कम करने की ओर यह बेहतर विकल्प माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार रानीबाग से नैनीताल के बीच रोपवे तैयार किया जाएगा। करीब 550 करोड़ की लागत से 11.2 किमी के क्षेत्र में बनने वाला रोपवे पीपीपी मोड में बनाया जाएगा। बताया जा रहा है कि रोपवे निर्माण का टेंडर भी जारी हो चुका है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है।प्रोजेक्ट की टेक्निकल इकॉनॉमी फिज़िबिलिटी स्टडी मल्टीनेश्नल कंपनी सीबीआरटी द्वारा की गई है। स्टडी पूरी किये जाने के बाद कंपनी ने सर्वे समेत सभी रिपोर्ट भी जमा करवा दी हैं। खबरों के मुताबिक प्रोजेक्ट का ऑफर फ्रांस की पोमा कंपनी को दिया गया है। एक बार पर्यावरण क्लियरेंस होने के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इस बड़े प्रोजेक्ट की कवायद सर्वप्रथम दो साल पहले हुई थी।

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वाहनों का दबाव कम करने हेतु शुरू होने जा रहा रोपवे निर्माण सालाना कम से कम एक लाख दस वाहनों से दबाव कम करेगा। सरकार की मानें तो इस प्रोजेक्ट के बाद यहां रह रहे लोगों के लिये रोजगार के साधन भी पैदा होंगे। बता दें कि नैनीताल में 2014 में औसतन रोज़ाना 758 वाहन आते थे लेकिन यही आंकड़ा 2017 में बढ़ कर 919 पहुंच गया। जिसकी वजह से परेशानियां धीरे धीरे अब और बढ़ गई हैं। वहीं प्रोजेक्ट के तहत चुनिंदा मार्ग पर टर्मिनल्स भी बनाए जाएंगे। एचएमटी रानीबाग में लोवर टर्मिनल प्वाइंट, डोलमार में टर्न स्टेशन, ज्योलीकोट में मिड टर्म स्टेशन एवं हनुमानगढ़ी में अपर टर्मिनल स्टेशन बनाया जाएगा। सरकार इस बार कोई कोर कसर छोड़ने के मूड में नहीं है।

बताया जा रहा है कि रोपवे के अलावा सरकार ने रानीबाग से नैनीताल के बीच और भी कई सारी पर्यटन सुविधाओं को शुरू करने का इरादा बना लिया है। एक दूसरे प्रोजेक्ट के अनुसार रानीबाग में 35.40 करोड़ लागत के थ्री स्टार होटल, 50 करोड़ लागत की मल्टीलेवल पार्किंग, रिटेल शॉप, फूड आउटलेट्स, फूड रेस्टोरेंट, फैमिली एंटरटेनमेंट ज़ोन बनाया जाएगा। वहीं ज्योलीकोट में कुल 20.25 करोड़ के बजट से ईकोटूरिज़्म रिज़ॉर्ट, रिटेल शॉप, फूड एंड बेवरेज आउटलेट्स बनाए जाएंगे। जिसमें तीन से पांच करोड़ की रिटेल दुकानें और भूमि विकास को ध्यान में रख कर 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

सरोवर नगरी नैनीताल में जब जब सीज़न होता है, तब तब पार्किंग और जाम की बड़ी समस्या देखने को मिलती है। जिसके कारण राज्य की छवि भी समस्त जगहों से आए पर्यटकों के सामने खराब होती है। इसीलिए रोपवे का निर्माण वाकई शासन, प्रशासन और यात्रियों के लिये राहत की सांस बनने का काम करेगा। उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने रोपवे प्रोजेक्ट को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस योजना में खासी दिलचस्पी दिखाई है। अब यह पूरा मामला उच्च न्यायालय में पहुंच चुका है। जहां कोर्ट ने सरकार व याचिकाकर्ता पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत से एक संयुक्त बैठक कर बताने को कहा है। यह खबर उत्तराखंड वासियों और उत्तराखंड से प्यार करने वालों के लिये बहुत सुखद खबर है।

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