देहरादून: राज्य में कई गांवों में अभी सड़क नहीं पहुंची है। ऐसे में एक जगह से दूसरे जगह जाने में ग्रामीणों में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बारिश में हालात और गंभीर हो जाते हैं क्योंकि मार्ग नहीं होगा तो सफर कैसे तय होगा। इस परेशानी का हल खोजने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मंथन शुरू कर दिया है। इन गांवों के लिए रोपवे बनेंगे। इन गांवों में सड़क नहीं पहुंचने का कारण है,पीएमजेएसवाई के मानकों को पूरा नहीं कर पाना।
उत्तराखंड के जिन गांवों में नहीं पहुंची सड़क वहां पहुंचेगी रोपवे…
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शुक्रवार को सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने रोपवे और पार्किंग व्यवस्था को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सड़क से वंचित गांवों तक कनेक्टिविटी के लिए लोनिवि को अलग से रोपवे डिवीजन बनाने को कहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में जाम की समस्या को दूर करने के लिए टनल पार्किंग की संभावनाओं को खोजने के भी निर्देश दिए हैं।
प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग हरि ओम शर्मा ने बताया कि दोनों योजनाएं प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं। दिल्ली मैट्रो अंडरग्राउंड रेलवे स्टेशन की तर्ज पर यहां भी छोटी-छोटी टनल पार्किंग बनाई जाने का सुझाव मुख्य सचिव का था। इनमें शहरों के आसपास सौ से दो सौ मीटर टनल बनाई जाएगी और 50 से 100 गाड़ियों को खड़ी की जा सकती है। सीएस के इस सुझाव पर मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रोजेक्ट बनाने को कहा है। सर्वे के बाद ही सामने आ पाएगा कि ये पार्किंग किन-किन क्षेत्रों में बनाई जाएगी।
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देश में रोपवे कनेक्टिविटी के लिए केंद्र सरकार की योजना के तहत पैसा मिलना है, लेकिन इससे पहले हमें तमाम प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाकर केंद्र को भेजनी होगी। इसके लिए अलग विंग का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सड़क मार्ग से वंचित गांवों, प्रमुख पर्यटक स्थलों, बुग्यालों आदि को रोपवे कनेक्टिविटी विकास के जरिए से मील का पत्थर साबित होगी।