नई दिल्ली: राजस्थान में कांग्रेस नेता हर वक्त सुर्खियों में रहते हैं। सचिन पायलट धरने पर बैठने के बाद दोबारा छाए हुए हैं। भले ही उनका अनशन भाजपा सरकार के खिलाफ रहा हो लेकिन उसके कई मायने निकाले जा रहे हैं जिसके तार अनबन से जुड़े हैं। इसके अलावा पायलट समर्थक चाहते हैं किन उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाए।
बता दें कि साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में कांग्रेसियों के बीच तनातनी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है। हालांकि कांग्रेस आलाकमान पायलट को खुश करने की कोशिशों में जुटा हुआ है। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी लेकिन जीत की नींव रखने वाले सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया गया।
इसके बाद से पायलट और उनका खेमा नाराज हो गया। राजस्थान में किसी भी दल ने लगातार दो बार विधानसभा चुनाव नहीं जीता है और ऐसे में कांग्रेस नई तैयारियों में है लेकिन पायलट के अनशन का परिणाम कांग्रेस के दृष्टिकोण से नकारात्मक भी हो सकता है।
अनशन के बाद पायलट दिल्ली भी गए। वहीं अब ये कहा जा रहा है कि सचिन पायलट को कांग्रेस ने केंद्रीय राजनीति में रहने का ऑफर दिया जिसे उन्होंने ठुकराया दिया है। पायलट को AICC में महासचिव पद दिया जा रहा था लेकिन उन्होंने पद स्वीकार ने से इंकार कर दिया। पायलट राज्य की राजनीति में रहने की रूचि जताई है।