नई दिल्ली: कोरोना वायरस ने पूरी व्यवस्था को उथल-पुथल कर दिया है। आर्थिक रूप से देश को इतना नुकसान पहुंचा है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। शायद ही किसी ने सोचा होगा कि एक बीमारी पूरे विश्व की गतिविधियों को रोक देगी। कई चरणों में लॉकडाउन का सामना करने के बाद अब अनलॉक की प्रक्रिया को लागू कर सेवाओं को खोला जा रहा है। हेल्थ सेक्टर और हेल्थ वर्कर्स पर कोविड-19 का सबसे ज्यादा असर पड़ा।
इसके बाद पुलिस प्रशासन भी फ्रंटलाइन पर रहा है। कोविड-19 के संकट के वक्त दोनों ही सेक्टरों से बहुत से डॉक्टरों और अधिकारियों ने या तो छुट्टी ली थी या फिर इस्तीफा दे दिया था लेकिन गाज़ियाबाद की एसडीएम ने इस संकट की घड़ी में एक नया उदाहरण पेश कर देश के करोड़ों युवाओं को प्रेरित किया है।
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हम बात कर रहे हैं IAS सौम्या पांडे की जो गाज़ियाबाद के मोदीनगर में एसडीएम के पद पर तैनात हैं। उन्होंने इस कोरोना के दौर में एक बिटिया को जन्म दिया है। हालांकि, डिलीवरी के बाद उनका मैटरनिटी लीव पर पूरा हक था लेकिन उन्होंने अपनी ड्यूटी को आगे रखा और एक महीने का बाद वापस काम पर लौट आई हैं। महामारी के इस भयानक दौर में जहां कई अधिकारियों ने अपने आप को जनता से दूर कर लिया है, वहीं सौम्या बिटिया को जन्म देने के बाद एक महीने से भी कम समय में दोबारा से अपनी जिम्मेदारी समझते हुए वापस ऑफिस आने लगीं। एक मां और प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारियों का ऐसा खूबसूरत तालमेल बिठाने के लिए उनकी काफी प्रशंसा की जा रही है।
बता दें कि देश में कोरोनावायरस को लेकर अनलॉक की प्रक्रिया चालू है और लगभग हर सेक्टर वापस पटरी पर लौट रहा है, राहत की बात ये हैं कि कोरोना वायरस के मामले धीरे-धीरे कम हो रहे हैं और उम्मीद की जा रही है कि इस बीमारी से जल्द छुटकारा मिलेगा।
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