देहरादून: राज्य में बसों के संचालन को सरकार ने हरी झंडी दे दी है। उत्तराखंड की बसें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जाएंगी। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए फिलहाल 100-100 बसों के संचालन की ही अनुमति मिली है। कुछ शहरों के लिए बसों का संचालन बीते बुधवार से शुरू हो गया और कुछ के लिए अभी भी तैयारी चल रही है। सबसे ज्यादा डिमांड दिल्ली की बसों को लेकर थी और रोडवेज की बसें कौशांबी तक जा रही है क्योंकि दिल्ली सरकार की ओर से बसों की एंट्री हेतु अनुमति नहीं मिली है। बसों के संचालन से लोगों को राहत जरूर मिल रही है लेकिन इसके बाद भी वह परेशान नजर आ रहे हैं। कभी बसों की फिटनेस को लेकर खामी सामने आई है, तो कभी टिकट को लेकर अब एक मामला देहरादून से सामने आ रहा है, जहां टिकट सर्वर के फेल होने से यात्रियों को घंटों तक इंतजार करना पड़ा। पढ़ना जारी रखें…
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जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को आईएसबीटी देहरादून रोडवेज का टिकट सर्वर फेल हो गया। इस वजह से बसों में ई-टिकट मशीनें तैयार नहीं हो पाईं। इसके अलावा ऑनलाइन टिकट करने की सुविधा भी यात्रियों को नही मिली। सर्वर में परेशानी इंटरनेट ब्रॉडबैंड व्यवस्था फेल होने की वजह से सामने आई। दो दिन के भीतर ही पूरी परिवहन सेना शुरू तो हुई लेकिन ई-टिकट मशीन शुरू ना होने से बसें भी दिल्ली के लिए रवाना नहीं हो पाई। आलम यह रहा कि सर्वर को शुरू करने के लिए अधिकारियों और यात्रियों के मोबाइल से इंटरनेट लेना पड़ा। मोबाइल से सर्वर तो जुड़ गया परन्तु इससे ई-टिकट मशीनों को तैयार होने में काफी समय लगा। आईएसबीटी से सुबह साढ़े पांच बजे दिल्ली जाने वाली पहली बस भी सुबह 11 बजे रवाना हो पाई। रोडवेज को दिल्ली मार्ग पर चार बसों की कटौती करनी पड़ी। पढ़ना जारी रखें…
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रोडवेज ने ब्राडबैंड का बिल भुगतान नहीं किया है। आइएसबीटी पर लगे ब्राडबैंड कनेक्शन को कुछ माह पहले एयरटेल कम्पनी ने काट दिया था। कंपनी ने परिसर की छत पर लगी छतरी भी उतार दी। इस मामले पर महाप्रबंधक दीपक जैन ने अधिकारियों को एक दिन के भीतर ब्राडबैंड सेवा फिर से जुड़वाने के आदेश दिए थे लेकिन व्यवस्था ठीक नहीं हो पाई। रोडवेज की पूर्ण तैयारी ना होने की वजह से यात्रियों को काफी दिकक्तों का सामना करना पड़ा। पढ़ना जारी रखें…
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