हल्द्वानी: भारत के पूर्व बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग की सलामी जोड़ी पूरी दुनिया में विख्यात है। इन दोनों ने भारतीय फैंस को कई यादे दी हैं, जिनका जिक्र आज भी होता है। आठ साल बाद दोनों शनिवार को भारत के लिए सलामी बल्लेबाजी करने उतरें। दोनों ने अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम रोल अदा किया। सचिन और सहवाग की बल्लेबाजों ने उन्हें पहले के दिन याद दिए। अंतिम बार सहवाग और सचिन ने भारत के लिए साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ सलामी बल्लेबाज के रूप में साथ में उतरे थे। उस मुकाबले में विराट कोहली ने शानदार शतक लगाया था। हॉबार्ट में खेले गए इस मुकाबले में भारत ने 36.4 ओवर में 321 रन चेज किए थे। रोड सेफ्टी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए शनिवार को मुंबई के वानखेड़े मैदान पर 20 ओवरों का एक मैच खेला गया।
यह मैच West Indies Legends और India Legends के बीच खेला गया। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सचिन ने टॉस जीतकर ब्रायन लारा की टीम को पहले बल्लेबाजीन का न्योता दिया।वेस्ट इंडीज की ओर से डैरेन गंगा और शिवनारायण चंद्रपाल ने पारी की शुरुआत की, हालांकि वेस्टइंडीज की टीम ने पूरे 20 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 150 रन बनाए। भारत ने 19वें ओवर में सिर्फ 3 विकेट गंवाकर टारगेट हासिल कर लिया।
सहवाग ने तेजी से रन बनाए और नाबाद 74 रन की पारी खेली। उनके साथ युवराज सिंह 10 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे। वेस्टइंडीज लीजेंड के लिए हूपर ने दो और बेन ने एक विकेट लिया। सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग ने शानदार तरीके से की और दोनों ने पहले विकेट के लिए 83 रन जोड़े इसके बाद सचिन (36) बेन की गेंद पर विकेट के पीछे लपक लिए गए।उन्होंने अपनी पारी में सात चौके लगाए। इसके बाद मोहम्मद कैफ ने सहवाग का साथ दिया और टीम का स्कोर 100 तक पहुंचाया। 15वें ओवर में सहवाग ने अपनी फिफ्टी पूरी की।
एक तरह सहवाग तेजी से रन बना रहे थे, लेकिन कैफ उनका ज्यादा साथ नहीं दे सके और 14 रन बनाने के बाद आउट हो गए। उसी के बाद एमएस गूनी भी हूपर की ही गेंद पर आउट हो गए। बाद में सहवाग और युवराज ने टीम को जीत दिलाई।