नई दिल्ली: बैडमिंटन में भारत की युवा सनसनी लक्ष्य सेन ने इतिहास रच दिया है। लक्ष्य ने मेंन सिंगल्स में 53 साल का सूखा खत्म करते हुए एशियाई जूनियर चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर देश की छोली में गोल्ड डाला है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने थाइलैंड के कुनलावुत वितिदसरन को सीधे गेम में 21-19 और 21-18 से हरा दिया। इसके साथ ही वो तीसरी भारतीय खिलाड़ी बन गए है, जिन्होंने इस खिताब को अपने नाम किया है। जकार्ता में खेले गए इस टूर्नमेंट के फाइनल मुकाबले में लक्ष्य ने पहला गेम 21-19 से जीता।
Badminton Association of India (BAI) President @himantabiswa announces a cash reward of INR 10 lakh following @lakshya_sen’s stellar show at Junior Asian Championship in Jakarta.
Proud of you champ! Keep making India proud. 🏸(BAI) 🇮🇳💪👏👏👏 pic.twitter.com/2VO2yJUL75
— BAI Media (@BAI_Media) July 22, 2018
दोनों ही खिलाड़ियों के बीच रोमांचक टक्कर देखने को मिली, लेकिन भारतीय शटलर ने टॉप सीड कुनलावुत को हराने में सफलता हासिल कर ली। फाइनल का दूसरा गेम भी कांटे भरा रहा। एक वक्त दोनों खिलाड़ी 14-14 से बराबरी पर थे, लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने 21-18 से गेम जीतते हुए खिताब अपने नाम कर लिया। इससे पहले लक्ष्य ने सेमीफाइनल में चौथी सीड इंडोनेशिया के इखसान लियोनार्डो इमानुएल रुमबे को 21-7, 21-14 से हराया।
A proud moment for India and @lakshya_sen as the tricolor🇮🇳soars high in Jakarta after the World No 9 secured a top of the podium finish, winning the first gold in 6 years at the Asian Junior Championship. #NationalAnthem #IndiaontheRise pic.twitter.com/ak7TWnlxdz
— BAI Media (@BAI_Media) July 22, 2018
आपको बता दें मेंस सिंगल्स में 53 साल पहले 1965 में गौतम ठक्कर ने गोल्ड मेडल जीता था। उनके बाद पीवी सिंधु ने 2012 में वीमेंस सिंगल्स का खिताब अपने नाम किया था। अब लक्ष्य ये कारनामा करने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
@lakshya_sen wins GOLD!
The Indian shuttler beats top seed Kunlavut Vitidsarn 21-19, 21-18 to win the men's singles title at the Badminton Asia Junior Championships 2018 @BAI_Media pic.twitter.com/S25UIGY4zG
— Shivam Damohe (@mancpunk) July 22, 2018
लक्ष्य सेन का जनम् उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा में 6 अगस्त 2001 हुआ। वो देश ही विदेशों में अपने खेल के लिए जाने जाते हैं। वह पहले खिलाड़ी हैं जो वर्ल्ड जूनियर बैडमिंटन रैंकिग में नंबर वन पायदान में जगह बना चुके हैं। पहाड़ के बेटे के गोल्ड जीतने के बाद पूरे देश में खुशी का माहौल है। वहीं सोशल मीडिया पर लक्ष्य को पूरा देश बधाई दे रहा है। बता दें कि लक्ष्य की तरह ही उनके भाई चिराग भी बैडमिंटन के शानदार खिलाड़ी है। दोनों ही भाई पूरे उत्तराखण्ड में बैंडमिंटन सनसनी के रूप में जाने जाते हैं।