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नायर पर सवाल… लेकिन इतिहास, आंकड़े देखना और समझना भी जरूरी है !

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Karun Nair:Test Cricket: भारतीय क्रिकेट में काफी कम ही खिलाड़ी ऐसे रहे होंगे जिन्होंने अपने क्रिकेट डेब्यू से लेकर लगातार शानदार प्रदर्शन किया होगा। मौजूदा वक्त में इस लिस्ट में सबसे बड़ा नाम यशस्वी जयसवाल का है, इसीलिए केवल 20 टेस्ट मुकाबले में ही अपने 2000 रन पूरे कर लिए। इंग्लैंड दौरे के शुरू होने से पहले जायसवाल के बाद ऋषभ पंत, करूण नायर, सुंदर और रेड्डी का औसत मौजूदा भारतीय टीम में 40 से ज्यादा था। वैसे पिछले दो मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करने वाले और अपने नाम कई रिकॉर्ड स्थापित करने वाले कप्तान शुभमन गिल का औसत भी अब 40 से ऊपर का हो गया।

क्यों जरूरी है ‘औसत’ की बात?

यह औसत की बात हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि 2017 के बाद भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करने वाले करुण नायर के विफल होने की बात कुछ ज्यादा ही हो रही है तो जरूरी था कि पुराने आंकड़ो को पेश कर नया आईना दिखाया जाए। करुण ने टीम इंडिया के लिए अपने करियर में केवल 11 परियों के लिए और उसमें एक ट्रिपल सेंचुरी भी रही है। उनका औसत 44 से ज्यादा का है। भारत के लिए ट्रिपल सेंचुरी लगाने वो दूसरे बल्लेबाज हैं और हां वो तुक्का बिल्कुल नहीं था, अगर होता तो 2004 पाकिस्तान दौरे बाद से भारत कई बार बांग्लादेश, वेस्टइंडीज और एक बार जिम्बावे और अफगानिस्तान के साथ टेस्ट मुकाबले खेल चुका है, किसी ना किसी खिलाड़ी ने तिहरा शतक जमा दिया होता…

इतिहास बताता है — मौके मिलते हैं तो खिलाड़ी चमकते हैं

इतिहास के पन्ने पलट देते हैं, मौके नहीं मिले होते तो रोहित शर्मा वनडे में महान खिलाड़ी नहीं बन पाते, सलामी बल्लेबाज बनने से पहले रोहित ने करीब 80 पारियां खेली थी और उनका औसत 30 का था। धोनी ने जब उन्हें सलामी बल्लेबाज बनाया तो औसत 55 का हो गया और सलामी बल्लेबाज के रूप में उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए। रोहित पर सवाल हर किसी ने उठाए थे लेकिन धोनी उन्हें सपोर्ट किया और नतीजा सभी के सामने है। इसके अलावा केएल राहुल का 2018 इंग्लैंड दौरा और 2018-2019 का ऑस्ट्रेलिया का टेस्ट दौरा उठा कर देखिए, बल्ले से रन नहीं निकले थे, इसके बाद भी मौके मिले और अब उनकी हर कोई तारीफ करता है। वैसे 110 पारियों के बाद भी टेस्ट में उनका औसत 36 से नीचे हैं। इन खिलाड़ियों के बल्ले से तो तिहरा शतक भी नहीं निकला था फिर भी मौके मिले और वो महान बनें।

करुण नायर को क्यों चाहिए ‘पूरा इंग्लैंड दौरा’?

इतिहास गवाह है, भारत ने जब किसी खिलाड़ी को अच्छे मौके दिए हैं तो परिणाम मिले हैं। ऐसे में करूण जैसा खिलाड़ी तो शायद 4-5 साल ही क्रिकेट खेले, तो वो पूरा इंग्लैंड दौरा डिजर्व करता है। कई खिलाड़ी दो फॉर्मेट खेलते हैं, करूण के पास अपने को साबित करने के लिए केवल एक फॉर्मेट है। नायर को जरूरत है मौकों की जो 2017 में नहीं मिले लेकिन आज मिल सकते हैं। उन्होंने घरेलू क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के बलबूते टीम इंडिया में जगह पाई है और उन्हें भी पता है कि ये उनके लिए आखिरी मौका, फेल होने पर वापसी के सभी दरवाजे बंद होंगे। मौका… वहीं मौका… जब मिलता है तो महान बनाता है और नहीं मिलता है तो गुमनाम छोड़ देता है…

भारत की दूसरे टेस्ट में शानदार जीत

भारत ने इंग्लैंड को दूसरे टेस्ट मैच में 336 रनों से हराकर पांच मैचों की सीरीज में 1-1 की बराबरी हासिल कर ली है। भारत ने बर्मिंघम में पहली बार जीत दर्ज की है। भारत ने पहली पारी में 587 रन बनाए थे और इंग्लैंड को 407 रन पर आउट कर 180 रनों की बड़ी बढ़त हासिल कर ली थी। भारत ने शुभमन गिल के शतक की मदद से दूसरी पारी छह विकेट पर 427 रन बनाकर घोषित की थी और कुल 607 रनों की बढ़त हासिल कर इंग्लैंड के सामने 608 रनों का लक्ष्य रखा था। इंग्लैंड की दूसरी पारी पांचवें दिन 271 रन पर ऑलआउट हुई और भारत ने जीत हासिल की। 

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