हल्द्वानी: राज्य की और बेटी भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन गई है। एकता बिष्ट और मांनसी जोशी के बाद थल निवासी विकेट कीपर बल्लेबाज श्वेता वर्मा का भी नीली जर्सी पहनने का सपना सच हो गया है। श्वेता वर्मा को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 7 मार्च से शुरू हो रही वनडे सीरीज़ में बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज टीम में चुना गया है। उन्होंने तान्या भाटिया को रिप्लेस किया है।
हालांकि टी-20 टीम का हिस्सा वह नहीं है। शनिवार को चयनकर्ताओं ने वनडे और टी-20 सीरीज़ के लिए टीम की घोषणा की है। भारतीय महिला टीम और साउथ अफ्रीका महिला टीम को 5 वनडे और 3 टी-20 की सीरीज खेलना है। यह सभी मैच लखनऊ के इकाना इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले जाएंगे।
श्वेता वर्मा का सफर
श्वेता वर्मा की प्रतिभा का सात साल पहले कोच लियाकत अली ने देखा था। कोच लियाकत अली को भरोसा था कि यह लड़की क्रिकेट के मैदान पर बड़ा नाम करेगी तो उन्होंने श्वेता वर्मा को अल्मोड़ा ट्रेनिंग के लिए बुला लिया। बड़े स्तर के लिए तैयार करने के लिए कोच उन्हें काशीपुर की हाईलेंडर क्रिकेट एकेडमी भी ले गए। राज्य को मान्यता प्राप्त नहीं थी तो श्वेता ने उत्तर प्रदेश का रुख किया और साल 2016 से वहां से खेलने शुरू किया।
श्वेता का पिछले साल इंडिया ए टीम के लिए भी चयन हुआ था। बता दें कि लियाकत अली ही एक्ता बिष्ट के कोच हैं। कोच लियाकत अली का कहना है कि श्वेता बेहद परिश्रमी है। यह देखकर हाईलेंडर के डायरेक्टर संजय ठाकुर एकेडमी में उसके रहने-खाने और मुफ्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की।
श्वेता वर्मा की मां एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। उनके पिता मोहन लाल वर्मा का कई वर्ष पहले निधन हो गया था। उनका एक बड़ा भाई भी है। घर की हालात अच्छी नहीं थी लेकिन परिवार व कोच के सहयोग से पहाड़ की बेटी ने नीली जर्सी पहनने का सपना पूरा किया है। हल्द्वानी लाइव की ओर से श्वेता और उनके परिवार को ढेर सारी बधाई। श्वेता के चयन के बाद उनके गांव में खुशी का माहौल है।
एक मीडिया हाउस को श्वेता ने बताया कि वह सचिन तेंदुलकर अपना आदर्श मानती हैं। क्रिकेट के प्रति प्यार उन्हें अपने पापा के वजह से आया। वह गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेलती थी और अपने पापा के साथ मुकाबले देखती थी। वह कहती है कि सचिन को वह काफी कॉपी करने की कोशिश करती थी।