हल्द्वानी: मुंबई के पृथ्वी शॉ ने इतिहास रच दिया है। रणजी ट्रॉफी में असम के खिलाफ 379 रनों की पारी खेलकर इतिहास रच दिया है। एक वक्त में उन्हें भारत का दूसरा सचिन तेंदुलकर कहा जाता था। साल 2018 में अपनी कप्तानी में उन्होंने भारतीय टीम को अंडर-19 विश्वकप भी जिताया। इसके बाद टेस्ट में डेब्यू करने का मौका मिला तो शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ शतक भी जड़ दिया लेकिन डॉप टेस्ट में फंसने के बाद पृथ्वी का फॉर्म और किस्मत मानों रूठ गई।
कहते हैं परिश्रम और टैलेंट जब मिलता है तो नतीजे को दुनिया भी सलाम करती है। साल 2022-23 सीजन में पृथ्वी ने ये साबित कर दिया है। मुंबई की टीम से खेलते हुए पृथ्वी शॉ ने असम के खिलाफ मैच में 379 रनों की पारी खेली है। यह मुकाबला गुवाहाटी के अमीनगांव क्रिकेट स्टेडियम में पृथ्वी शॉ 400 रन के ऐतिहासिक आंकड़े से चूक गए। उन्हें असम के रियान पराग ने LBW आउट किया। पृथ्वी शॉ भारतीय फर्स्ट क्लास और रणजी के इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने संजय मांजरेकर का रिकॉर्ड तोड़ा है, जिन्होंने 1991 में मुंबई (तब बंबई) के लिए हैदराबाद के खिलाफ 377 रन बनाए थे।
बता दें कि फर्स्ट क्लास और रणजी के इतिहास में 400 रन बनाने का रिकॉर्ड एक बार ही बना है। यह रिकॉर्ड महाराष्ट्र के ही बीबी निम्बालकर ने बनाया था। उन्होंने 1948 के सीजन में महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए काठियावाड़ के खिलाफ नाबाद 443 रनों की पारी खेली थी। पृथ्वी शॉ भारतीय घरेलू क्रिकेट में फर्स्ट क्लास में तेहरा, लिस्ट ए में दोहरा और टी-20 में शतक जमाने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। हालांकि विरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा इंटरनेशनल मैच और आईपीएल मिलाकर ये कारनामा कर चुके हैं।