हल्द्वानी: उत्तराखंड का युवा वर्ग थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। अनेकों कला संबंधी और पढ़ाई से जुड़े क्षेत्रों में प्रदेश के युवा बढ़ चढ़ कर केवल हिस्सा ही नहीं ले रहे बल्कि शीर्ष स्थानों पर पहुंच कर राज्य को विश्व पटल पर गौरव भी दिलवा रहे हैं। हाल ही में उत्तराखंड के एक युवा ने दोबारा प्रदेश वासियों को खुश होने का मौका दिया है।
दरअसल जिला अल्मोड़ा के रहने वाले तरूण बेलवाल यूरोप के देश एस्टोनिया की यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चुने गए हैं। जहां तरूण का काम छात्र छात्राओं को लाइफ साइंस विषय का अध्ययन कराने का होगा। तरूण बेलवाल यूनिवर्सिटी में खाद्य पदार्थों के अपशिष्ट मूल्यस्थिरीकरण रसायन पर अध्यापन कार्य करेंगे। युवा वैज्ञानिक तरूण के परिजनों, मार्गदर्शकों के अलावा यह खबर हरेक उत्तराखंड निवासी के लिये सुखद और प्रेरणादायक है।
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तरूण मूल रूप से अल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट ब्लॉक के कुंजर गांव के रहने वाले हैं और मौजूदा वक्त में नगर के पांडेखोला में रहते हैं। इससे पूर्व में मेधावी तरूण बेलवाल कुमाऊं विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान के शोधार्थी भी रहे हैं। किसी भी तरह की सफलता प्राप्त करने के लिये सबसे ज़रूरी होता है परिजनों का सपोर्ट। तरूण बेलवाल के पिता नवीन चंद्र बेलवाल जिला मुख्यालय स्थित विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधन संस्थान (वीपीकेएएस) से बतौर वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी सेवानिवृत्त हैं जबति तरूण की माता निर्मला बेलवाल हाउसवाईफ हैं। तरूण बेलवाल की पत्नि डा. सुदीप्त रमोला भी उनके कई शोध कार्यों में समय समय पर उनकी मदद करती रही हैं। सभी परिजनों का काफी साथ तरूण को हमेशा ही मिलता रहा है।
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इस बड़ी सफलता से पहले भी तरूण बेलवाल ने अपने बुद्धि और मेहनत से अनेक जगहों पर काफी नाम बनाया है। बता दें कि 2016-17 में तरूण बेलवाल राज्यपाल पुरुस्कार से भी सम्मानित किये जा चुके हैं। तरूण ने अपना शोधकार्य गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल से पूरा किया है। उन्होने अपनी सारी रिसर्च बायोटेक्नोलाजी के विषय में पूरी की है।
तरूण ने हाल ही में चीन से पोस्ट डाक्टरल साइंस फाउंडेशन से रिसर्च ग्रांट लेने के बाद जेहजियांग विश्वविद्यालय चीन से पोस्टडाक्टरेयल शोध कार्य भी पूरा कर लिया है। विज्ञान के क्षेत्र में 70 से अधिक शोध पत्र अपने नाम पर प्रकाशित करवाने वाले युवा विज्ञानी तरूण बेलवाल के लिये विदेश से यह खबर आना वाकई बेहद खुश और उत्साहवर्धक समय है। उनकी इस बड़ी उपलब्धि पर विज्ञान और प्रोफेसरी क्षेत्र के बड़े बड़े महानुभावों ने इसे प्रदेश के लिए बड़ा गौरव बताया है।
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