हल्द्वानी: राज्य में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड का रिकवरी रेट बेहतर है मगर फिर भी लगातार कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा होना कोई अच्छी बात नहीं है। इधर सर्दियों ने दस्तक देनी शुरू कर दी है और साथ ही नए साल के आगमन को भी बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में हर साल की तरह इस साल भी सरोवर नगरी नैनीताल में अच्छी खासी भीड़ आने की उम्मीद है।
बहरहाल कोरोना के बढ़ते हुए मामलों से उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य विभाग खासा चिंतित हैं और सचेत भी हैं। आने वाले दिनों में नैनीताल में पर्यटकों का जमावड़ा लग सकता है, इस बात का अंदाजा, सरकार और स्वास्थ्य विभाग दोनों को ही है। इन्हीं सब कारणों के चलते सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए यह साफ कर दिया है कि यहां आने वाले हर सैलानी की कोविड-19 जांच की जाएगी। इसके लिए नैनीताल में एंट्री करने वाले तीनों प्वाइंटों पर स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात रहेंगी।
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क्रिसमस और थर्टी फर्स्ट पर नैनीताल आने वाले पर्यटकों को कोरोना जांच से हो कर जाना पड़ेगा। लाज़मी है यह फैसला इसलिए भी लिया गया है क्योंकि अनेकों शहरों और राज्यों से लोग यहां मौसम का लुत्फ उठाने आते हैं।
इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से होटलों में कोविड गाइडलाइन के पालन को लेकर कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है। संबंधित टीमें लगातार निरीक्षण कर रही हैं, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना जांच का दायरा बढ़ा रहा है।
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नैनीताल बीडी पांडे हॉस्पिटल के पीएमएस डॉ. केएस धामी ने सभी संबंधित जानकारियां दीं और बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना जांच करने के लिए टीमें भी बना दी गई हैं।
उन्होंने बताया कि क्रिसमस यानी 25 दिसंबर और 31 दिसंबर को विभाग की टीमें रूसी बाईपास, पाइंस और बारापत्थर एंट्री प्वाइंट पर मौजूद रहेंगी। सभी टीमें नगर में प्रवेश करने वाले पर्यटकों की थर्मल स्क्रीनिंग करेंगी। लक्षण मिलने पर कोरोना जांच की जाएगी।