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धूमधाम से बहन की डोली उठाने की थी तैयारी लेकिन खुद अर्थी पर घर लौटेगा शहीद सूरज


हल्द्वानी:  अपनी बहन की धूमधाम से शादी कराने की तमन्ना हर भाई की होती है। उसकी कोशिश रहती है कि वो अपनी बहन को खुशी से विदा कर सके ऐसा ही सपने अल्मोड़ा के शहीद सूरज सिंह भाकुनी के थे लेकिन  शनिवार शाम एक धमाके में जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में शहीद हो गया।

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सूरज की शहादत की खबर रविवार को गांव में पहुंची तो कोहराम मच गया। शहीद के पिता नारायण सिंह भाकुनी कहते हैं कि ‘मौत तो सबको आनी है, लेकिन मुझे गर्व है कि उनका बेटा देश के लिए शहीद हुआ।’ किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि एक हफ्ते पहले घर से ड्यूटी को लौटा सूरज अब शहीद होकर घर लौटेगा। साल 2014 में सूरज का चयन भारतीय सेना में हुआ था।

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पिता बताते है कि बेटे को बचपने से फौज में भर्ती होना सुर सवार था। सूरज को अपनी बहन की शादी की भी बहुत चिंता रहती थी। सूरज की बहन की शादी तय हो चुकी है और अगले साल मई जून महीने में उसकी शादी होनी थी। सूरज ने इस बार घर आने पर बहन के लिए जेवर भी बना लिए थे।

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सूरज की दादी रूपली देवी, मां सीता देवी और बहन राधा को अभी तक सूरज के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है। उन्हें बताया गया है कि वो घायल हुआ है।सूरज अपने घर में एकमात्र कमाने वाला था। नया घर बनाने के लिए सूरज ने अपने पिता को पैसे भी दिए थे। सूरज के छुट्टी में आने के दौरान नया घर बनकर तैयार भी हो गया था। सूरज की कमाई से ही घर का खर्चा चल रहा था। सूरज के पिता की भनोली में एक छोटी सी दुकान है। सूरज से जब गांव वाले उसकी शादी के बारे में पूछते थे तो वह पहले बहन की शादी की बात करता था।

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