हल्द्वानी: प्रदेश के परिवहन निगम को वक्त वक्त पर चोटें लगती रही हैं। हालांकि अब उत्तराखंड का परविहन विभाग काफी सख्त हो चला है। कुछ समय पहले सुर्खियों में आए एसीपी घोटाले में अब रिकवरी की गति बढ़ती दिख रही है। अब 1500 और कर्मचारियों की जांच होनी है तथा उनसे रिकवरी भी की जानी है।
पहले से ही घाटों और विवादों का अंबार झेल रहे उत्तराखंड परिवहन निगम में बड़े स्तर पर एसीपी घोटाला पकड़ा गया था। इस काम को विशेष ऑडिट टीम ने बाखूबी निभाया था। इस टीम को आदेश सरकार द्वारा दिए गए थे।
यह भी पढ़ें: नैनीताल से हल्द्वानी लौट रहे युवक हुए सड़क हादसे का शिकार, एक की मौत,दूसरा घायल
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड की जीत में चमके हल्द्वानी के बच्चे,पहली बार टीम ने हासिल किया यह मुकाम
आपको बता दें कि इस एसीपी घोटाले के पकड़ में आने के बाद करीब एक हज़ार से भी ज्यादा कर्मचारियों-अधिकारियों से 90 करोड़ की रिकवरी करने की सिफारिश की गई थी। इतना ही नहीं साथ ही उनके वेतनमान को भी संशोधित करने की मांग सामने आई थी।
ऑडिट टीम ने तकरीबन 16 बिंदुओं पर जांच करने के बाद परिवहन मुख्यालय को रिपोर्ट सौंप दी थी। जिसको आधारशिला मान कर वित्त नियंत्रक विक्रम सिंह जंतवाल ने सभी मंडलों को कार्रवाई के आदेश जारी किए थे। मगर इस दौरान उत्तरांच रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल और रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की बातचीत के बाद मामला ठंडा हो गया।
यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश से आना जाना भी होगा महंगा, परिवहन निगम ने बढ़ाया रोडवेज बसों का किराया
रोडवेज एमडी रणबीर सिंह चौहान ने वित्त नियंत्रक द्वारा जारी सभी आदेशों के एक बार पुनरीक्षण की बात कही थी। जिसके बाद समिति ने परीक्षण शुरू कर दिया था। इसके तहत करीब तीन हजार अधिकारियों और कर्मचारियों को दिए गए लाभ और वसूली को लेकर जांच की जा रही है।
परिवहन निगम के महाप्रबंधक परिचालन दीपक जैन ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 1500 कर्मचारियों की जांच पूरी हो चुकी है। अभी करीब 1500 और कर्मचारियों की जांच चल रही है। जांच व परीक्षण पूरा होने के बाद ही निगम प्रबंधन की ओर से आगे का फैसला लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: LPG के दामों ने लगाई आग,अब देने होंगे 819 रुपए, एक महीने में चौथी बार हुई बढ़ोत्तरी
यह भी पढ़ें: 21 हजार स्ट्रीट लाइट्स से जगमगाएगा हल्द्वानी,जनता के हाथ में होगा रिमोट कंट्रोल