हल्द्वानी: पिछले एक महीने से भारत आंधी और तूफान की मार झेल रहा है। पहाड़ी इलाकों में भी आंधी जिंदगी पर भारी पड़ रही है। कही पहाड़ खिसक रहे तो कही भूस्खलन हो रहा है। गुरुवार शाम को शुरू हुई बारिश उत्तराखण्ड के लिए आफत लेकर आई। कई जिलों से बादल फटने की खबर भी सामने आ रही है। टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक में कई गदेरे उफान पर आ गए है। बारिश के चलते दो पुलिया, पेयजल लाइनें और पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए। उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के गंगटाड़ी गांव में नेपाली मूल के एक परिवार के तीन लोग गदेरे (बरसाती नाले) के उफान में बह गए। आस-पास के लोगों ने किसी तरह पति-पत्नी को बचा लिया लेकिन उनकी सात वर्षीया पुत्री का कहीं पता नहीं चल सका है। शनिवार की सुबह 17 घंटे बाद रेस्क्यू टीम ने नाले में बही बच्ची का शव बरामद कर लिया।
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बडियार पावर हाउस की नहर के मुहाने से पुलिस व एसडीआरएफ के रेस्क्यू दल ने उसे बरामद किया। वहीं पिथौरागढ़ में मूनाकोट ब्लॉक के धौलकांडा गांव में मूसलाधार बारिश के बीच ढाई बजे निर्माणाधीन मड़मानले-दोबांस मार्ग पर जोरदार आवाज के साथ पहाड़ी दरक गई। पौड़ी जिले के थलीसैंण के बमोर्थ गांव में अतिवृष्टि से गोशालाएं मलबे में दब गई, जबकि स्योली तल्ली गांव में दो दोपहिया वाहन नाले में बह गया। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे कई जगहों पर रुका हुआ है। इससे लगभग तीन घंटे तक लंबा जाम लग गया। मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से विजयनगर में बनी वैकल्पिक पुलिया जलमग्न हो गई।
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राज्य मौसम विज्ञान केंद्र की मानें तो ताजा बारिश को मानसून पूर्व की बारिश बताया है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटों के भीतर कहीं-कहीं ओलावृष्टि एवं 70 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से आंधी आने की संभावना जताई है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि पांच जून से दस जून तक झमाझम बारिश होगी। उन्होंने कहा कि 15 से 25 जून के बीच मानसून उत्तराखंड में दस्तक दे सकता है। बारिश से हाईवे पर कई जगह मलबा आने से शुक्रवार को करीब आठ घंटे तक बदरीनाथ धाम की यात्रा थमी रही। इस दौरान हजारों तीर्थयात्री बीच में ही फंस गए।