रुद्रप्रयाग: महिलाओं के अंदर रिश्तों को सहेज कर रखने की बहुत सुंदर कला होती है। समन्वय बैठाना, ख्याल रखना, यह कुछ गुण रिश्तों को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। और इन सभी गुणों से महिलाएं युक्त होती हैं। उत्तराखंड के एक गांव की बुजुर्ग महिला प्रभा देवी ने पेड़ों के साथ दोस्ती की और जो कर दिखाया वो किसी चमत्कार से कम नहीं है।
रुद्रप्रयाग के छोटे से गांव की निवासी 76 वर्षीय प्रभा देवी सेमवाल ने बंजर जमीन पर अकेले के दम पर पूरा घना जंगल बना दिया। पिछले 50 सालों से प्रभा देवी इन जंगलों को प्यार परोसने में, उनका ख्याल रखने में और उनकी सेवा करने में जुटी हैं। बता दें कि प्रभा देवी के द्वारा उगाए और पाले पोसे गए इस जंगल में तकरीबन 500 से भी ज़्यादा हरे-भरे पेड़ हैं।
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प्रभा देवी को भले ही अपने जन्म के बारे में जानकारी ना हो लेकिन उन्हें जंगल के हर पेड़ के बारे में पता है। प्रभा देवी के बच्चे विदेश में हैं। अपने बच्चों के द्वारा बार बार बुलाए जाने के बाद भी वह जंगल छोड़ कर नहीं गईं। पेड़ों के संरक्षण के लिए प्रभा देवी का यह प्रयास वाकई प्रेरणादायी और तारीफ के काबिल है।
प्रभा देवी के अनुसार सालों पहले जब पेड़ों की अवैध कटाई हुई, उसके बाद जंगल बचाना काफी बड़ी चुनौती बन गया था। लेकिन तभी उनके दिमाग ने पेड़ों के बारे में सोचना शुरू किया। इस ख्याल के आते ही प्रभा देवी ने काम करना शुरू कर दिया। खेतों में फसल बोने की बजाय उन्होंने पेड़ लगाने शुरू कर दिए। मेहनत लगी मगर देखते ही देखते बंजर भूमि पर पेड़ों की बहार आ गई।
प्रभा देवी द्वारा बनाए गए जंगल में इमारती लकड़ी से लेकर रीठा, बांझ, बुरांश और दालचीनी के पेड़ हैं। पहाड़ की इस बुजुर्ग महिला को भले ही विज्ञानी तौर पर अधिक जानकारी ना हो मगर उन्हें यह मालूम है कि पेड़ इंसानों के लिए काफी ज़रूरी हैं और इनको बचाए रखना भी उतना ही आवश्यक है। महिला दिवस के मौके पर हल्द्वानी लाइव प्रभा देवी को सलाम करता है।
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