हल्द्वानी: तालाबों की नगरी नैनीताल को 176 साल पूरे हो गए हैं और अब यह 177 वें साल में प्रवेश करने जा रही है | आज ही के दिन साल 1841 में अंग्रेज व्यापारी पीटर बैरन ने इस शहर का परिचय दुनिया से कराया था |
सबसे पहले साल 1823 में अंग्रेज अधिकारी ट्रेल नैनीताल आये थे लेकिन उन्होने इस शहर के बारे में किसी को नहीं बताया | जब पीटर बैरन यहाँ पहुंचे तो इस शहर का स्वामित्व नर सिंह थोकदार के पास था | पीटर बैरन ने नर सिंह थोकदार को धमकाकर इस शहर को अपने नाम करा लिया |
साल 1842 के बाद यहाँ बसने का दौर शुरू हुआ | अंग्रेजों ने न सिर्फ इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया बल्कि इसे छोटी विलायत का दर्जा भी दिया |नैनीताल के बसने के बाद साल 1867 में यहाँ भूकंप आया | साल 1880 में यहाँ भूस्खलन हुआ जिस कारण 151 लोगों की मृत्यु हो गई थी |
इस घटना के बाद अंग्रेजों ने शहर की सुरक्षा के लिए 64 नालों का निर्माण कराया | समय के साथ बढ़ती आबादी के कारण इस शहर का अस्तित्व फिर खतरे में है |