Uttarakhand Daroga Bharti 2015: दरोगा भर्ती मामले में सामने आई धांधली के बाद एक्शन का सिलसिला शुरू हो गया है। इस मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद पुलिस मुख्यालय ने 20 दरोगाओं को निलंबित कर दिया है। वहीं अब कहा जा रहा है कि ये बस शुरुआत है और विजिलेंस के रडार पर कई अन्य दरोगा भी है।
अक्टूबर में इस मामले की जांच विजिलेंस को मिल गई थी। ऐसे में विजिलेंस ने दरोगाओं का इतिहास खंगालना शुरू किया। चयन हुए अभ्यर्थियों ने किस स्कूल से पढ़ा है। परिवार का ब्योरा और क्या उन्होंने कोई संपत्ति बेची है। विजिलेंस का अनुमान है कि यदि किसी अभ्यर्थी ने परीक्षा पत्र खरीदा होगा तो बड़ी रकम का इंतजाम करने के लिए जमीन व मकान बेचा गया हो सकता है या फिर कही से लोन लिया हो सकता है। ये जानने के लिए विजिलेंस अलग-अलग टीमें चयनित अभ्यर्थी के जन्मस्थल से लेकर किस संस्थान से पढ़ाई की है उसका पूरा ब्योरा जुटाया। इसके अलावा मोहल्ले में उसका आचरण, वह पढ़ाई में कैसा था, इन सभी बिंदुओं की जांच की गई। इसके अलावा परिजनों के बैंक खाते की डिटेल से भी काफी कुछ पता लगाया गया।
नकल माफिया हाकम सिंह रावत के गिरफ्तार होने के बाद यह सामने आया था कि दारोगा भर्ती में उत्तरकाशी के काफी युवक सफल हुए थे। इसलिए विजिलेंस ने अपनी जांच उत्तरकाशी जिले पर अधिक केंद्रित रखी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दारोगा भर्ती में कुछ विभागीय अधिकारियों पर भी आंच आ सकती है। आरोप लग रहे कि अधिकारियों की मिलीभगत के बिना भर्ती में गड़बड़ी करना संभव नहीं है। ऐसे में कुछ रिटायर और कुछ वर्तमान अधिकारियों पर भी एक्शन लिया जा सकता है।