देहरादून: उत्तराखंड की प्रतिभा खेल और पढ़ाई के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है। व्यापार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड के युवाओं के विजन ने पीएम नरेंद्र मोदी को भी प्रभावित किया है। पहाड़ के तीन युवा उद्यमियों ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर उन्हें अपना विजन साझा किया और पीएम मोदी उनके मुरीद बन गए। प्रधानमंत्री ने जीवनशैली और समाज की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने पर किए गए युवाओं के शोध की तारीफ कर उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पीएम मोदी ने भरोसा दिलाया कि इस तरह की सोच रखने वाले युवाओं के लिए सरकार हर संभव मदद करेगी।
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प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट स्टार्ट अप इंडिया के तहत चयनित प्रतिभाओं के लिए बुधवार का दिन बेहद खास रहा। देहरादून कलक्ट्रेट स्थित एनआइसी (नेशनल इंफार्मेटिक्स सेंटर) में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये युवा उद्यमियों ने प्रधानमंत्री से सीधी बात की। इस कांफ्रेंसिंग में प्रदेशभर से ऐसे युवाओं को बुलाया गया था, जिन्होंने विज्ञान और तकनीकी के जरिए लोगों की जीवशैली को बेहतर बनाने की ओर काम किया । उनके इस प्रयोग से जीवन शैली के अलावा रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसमें आइआइटी रुड़की से आए फर्मेटेक लैब प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ डॉ. सिद्धार्थ अरोड़ा, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी के एमटेक के छात्र रजत जैन और तुलाज इंस्टीट्यूट की असिस्टेंट प्रोफेसर स्वाति जोशी से प्रधानमंत्री ने सीधा संवाद किया और उनकी अब तक की उपलब्धियों के बारे में जानकारी ली।
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दिल्ली के रहने वाले सिद्धार्थ की आइआइटी रुड़की के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में लैब है। इन्होंने एग्रो वेस्ट से ऐसा एंजाइम तैयार करने की तकनीकी ईजाद की है, जिससे पोल्ट्री, फिशरीज में दिए जाने वाले फीड को तैयार करने में मदद मिलती है।सिद्धार्थ ने जानकारी दी कि किसानों के अपशिष्ट पदार्थों को खरीद कर जहां उन्हें आर्थिक मदद दी जा सकती है। वहीं इससे खेतों में वेस्ट को जलाने से भी बचाया जा सकता है, जिससे पर्यावरणीय प्रदूषण को रोकने में भी मदद मिल सकती है। वर्ष 2017 में इन्हें भारत सरकार से 37.5 लाख रुपये का अनुदान भी मिल चुका है।
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अल्मोड़ा की रहने वाली स्वाति ने पीरियड्स के दौरान महिलाओं को होने वाले असहनीय दर्द दिलाने के लिए एक यंत्र तैयार की। उन्होंने बताया कि इस डिवाइस से महिलाओं को दवा लेने की जरूत नहीं पड़ेगी। इस डिवाइस को शरीर में लगाने के बाद दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसका कई महिलाओं पर प्रयोग भी किया जा चुका है, जिसके काफी सकारात्मक नतीजे मिले हैं। स्वाति को पिछले दिनों चले स्टार्ट अप यात्रा के दौरान चयनित करने के साथ पुरस्कृत भी किया गया था।