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इंसानियत फिर हुई शर्मसार, स्कूल ने दुष्कर्म पीडिता को एडमिशन देने से किया इंकार


देहरादून:उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक बार फिर शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। शिक्षा का मंदिर यानी स्कूल बच्चों को हमेशा संघर्ष व मदद की राह पर चलने का संदेश देता है वहीं स्कूल अब एक रेप पीडित छात्रा को प्रवेश देने से इंकार कर रहा है। स्कूल के इस फैसले ने सभी को सकते में डाला हुआ है। वहीं परिवार अब स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर उतर आया है।
स्कूल के फैसले के बाद  छात्रा के वकील का कहना है कि हाल ही में एक बोर्डिंग स्कूल में उसके साथ गैंगरेप की घटना हुई थी। इसकी जानकारी होने पर स्कूल ने ऐडमिशन लेने से इंकार कर दिया। वकील अरुण नेगी चौहान ने मांग की है कि स्कूल की मान्यता को निरस्त किया जाएं। इस संबंध में उन्होंने देहरादून एसएसपी निवेदिता कुकरेती को लेटर लिखकर 16 साल की पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
स्कूलों को कैसे पता चला कि छात्रा के साथ दुष्कर्म हुआ था? कानून के अनुसार, दुष्कर्म पीड़िता की पहचान को उजागर नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए पुलिस जांच करे कि इसके पीछे कौन है। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस मामले में उन्हे पास कोई आधिकारिक शिकायत नहीं मिली है।
पीड़िता के रिश्तेदारों ने बताया कि एक प्राइवेट स्कूल ने पीड़िता को ऐडमिशन देने से इंकार कर दिया। हमलोग इस मामले में कानूनी राय ले रहे हैं और जल्द ही एक पुलिस टीम मामले की जांच के लिए स्कूल जाएगी।’ पीडित छात्रा के वकील ने नाबालिग के माता-पिता की ओर से मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और राज्य शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय को एक पत्र लिखकर मांग की है कि स्कूल के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।
वकील के अनुसार पीड़िता के माता-पिता ने शहर के कई निजी स्कूलों में उसके प्रवेश के लिए कोशिश की, लेकिन सभी ने पीड़िता को दाखिला देने से इंकार कर दिया। एक निजी स्कूल ने तो स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि वे दुष्कर्म पीड़िता को स्कूल में दाखिला नहीं दे सकते हैं। बता दें कि इस मामले ने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी थी। इस मामले में पुलिस ने  बोर्डिंग स्कूल के ही चार छात्रों को गिरफ्तार किया था। 
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