देहरादूनः नगर निगम में उस समय जमकर बवाल हो गया जब दो महिला पार्षद आपस में भिड़ गईं। नगर निगम में कार्यकारिणी चुनाव प्रक्रिया की शुरुआत में ही टिकट को लेकर कांग्रेस की दो महिला पार्षदों में जमकर मारपीट हो गई। सदन में महापौर सुनील उनियाल गामा की मौजूदगी में दोनों पार्षदों ने एक-दूसरे को थप्पड़ जड़ दिए।
बता दें कि चुनाव निर्विरोध संपन्न हुए। इसमें भाजपा के दस और कांग्रेस के दो सदस्य चुने गए। सुबह प्रक्रिया शुरू होने के बाद तक कांग्रेस नाम तय नहीं कर सकी। इसी बीच यमुना कालोनी से कांग्रेसी पार्षद सुमित्रा ध्यानी और बल्लूपुर से पार्षद कोमल बोहरा के बीच मारपीट हो गई। दोनों में जमकर थप्पड़ चले। यह देख दूसरे पार्षदों ने बीच-बचाव किया और दोनों को अलग किया। बताया जा रहा है कि कांग्रेस इन दोनों में से एक को टिकट देना चाह रही थी। मामले के बाद पार्टी हाईकमान ने सुमित्रा और कोमल के टिकट काटकर उर्मिला थापा और राजेश परमार के टिकट फाइनल कर दिए हैं।
महिला पार्षद सुमित्रा ध्यानी और कोमल बोहरा के बीच 8 जनवरी की शाम कांग्रेस भवन में टिकट को लेकर बुलाई गई बैठक में पहुंची। बैठक में कोमल बोहरा ने पर्ची के जरिए दो नाम तय करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक इसे लेकर सुमित्रा ध्यानी अड़ गईं और उनका टिकट कन्फर्म करने को कहा। इसी दौरान सुमित्रा और कोमल में विवाद हो गया। उस दिन तो मामला शांत हो गया। लेकिन अगले दिन सुबह जैसे ही दोनों एक दूसरे के सामने आये तो दोनों में मारपीट शुरू हो गई।
हंगामे की सूचना जैसेे ही कांग्रेस के पूर्व विधायक राजकुमार और महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा को लगी तो वे तुरंत निगम पहुंच गए और दोनों पार्षदों के टिकट काट दिए। मामले के बाद कोमल बोहरा ने कहा कि मैनें सुमित्रा से सीट पर बैठने को कहा तो वो नाराज हो गईं। मुझे भला-बुरा कहा और फिर मेरी सीट पर बैठ गईं। जब मैनें अपनी सीट से हटने को बोला तो उन्होंने हाथापाई शुरू कर दी। मैनें पार्टी आलाकमान से इस संबंध में शिकायत की है। सुमित्रा ध्यानी का कहना है कि मेरा किसी से विवाद नहीं हुआ। मुझ पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। मुझे ज्यादा कुछ नहीं कहना।