देहरादून: राज्य में बेटी पढ़ाई बेटी बचाओं का नारा हर घर में दिया जा रहा है। हर कोई बेटियों को बेटे के बराबर के हिस्से और सम्मान की बात करता है लेकिन हकीकत में समाज को पुरानी सोच सामने आ ही जाती है जहां महिलाओं का अस्तित्व केवल घर की चार दिवारों तक सीमित हो। एक ऐसा ही मामला सामने आ रहा है, लक्सर के बसेड़ा गांव से। जहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया, खुशियां मनाने के बजाए ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया।
महिला के प्रार्थनापत्र पर महिला हेल्पलाइन की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उसके पति सहित चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। खबर के अनुसार लक्सर के खेड़ी कलां गांव के सेठपाल की बेटी नीलम की शादी पिछले साल फरवरी में लक्सर के ही बसेड़ा गांव में रहने वाले युवक अरुण पुत्र राजकुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही महिला के साथ अत्याचार होता था। दहेज के लिए उसपर दवाब बनाया जा रहा था और ना लाने पर उसके साथ मारपीट की जाती थी।
शदी के लगभग एक साल बाद नीलम को पहली बेटी पैदा हुई तो ससुराल वाले और अधिक नाराज हो गए तथा उसे पहले से परेशान करने लगे। एक मई को उन्होंने नीलम के साथ मारपीट की तथा उसे नवजात शिशु के साथ उसके मायेक छोड़ गए। इसके बाद बरादरी की पंचायत भी हुई पर मसला निपट नहीं हो सका। नीलम ने महिला हेल्पलाइन में प्रार्थनापत्र दिया था।
हेल्पलाइन की काउंसिंलिंग में भी नीलम द्वारा की गई शिकायत की पुष्टि हुई। हेल्पलाइन की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने नीलम के पति अरुण सास कमलेश, ननद अन्नु व प्रीति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न की धारा में केस दर्ज किया है। कोतवाल विरेंद्र नेगी ने बताया की इस मामले की जांच की जा रही है और आरोपियों को बिल्कुल भी नहीं बक्शा जाएगा।