देहरादून: द्वाराहाट विधायक और महिला का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विरोधी दलों ने विधायक की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। वहीं महिला पर भी दो साल तक चुप रहने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। द्वाराहाट विधायक की पत्नी ने महिला पर ब्लैकमेलिंग तो महिला ने विधायक पर दुष्कर्म के आरोप लगाए हैं। इन दोनों ही केस की जांच के लिए अधिकारियों के बदला गया है। यह जांच अब सीओ सदर द्वारा की जाएगी। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने साफ किया है कि अगर विधायक पर लगे आरोप सिद्ध होते हैं तो उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
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देहरादून पुलिस भी लोगों के निशान पर हैं और उसकी कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। दरअसल विधायक की पत्नी की शिकायत पर एक महिला के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज कर लिया गया है लेकिन, उस महिला की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके पीछे पुलिस तकनीकी कारण का हवाला दे रही है। इसके अलावा अभी तक विधायक के बयान भी दर्ज नहीं किए गए हैं। पहले इस मामले की जांच नेहरू कॉलोनी पुलिस कर रही थी लेकिन अब जांच सीओ सदर अनुज कुमार द्वारा की जाएगी। डीआईजी जोशी का कहना है कि सीओ सदर को मुकदमे की जांच के अलावा विधायक के खिलाफ लगे आरोपों की गंभीरता से जांच के निर्देश दिए गए हैं।
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महिला ने विधायक पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने अलग-अलग जगह ले जाकर उसके साथ संबंध बनाए हैं। इस पर डीआईजी ने कहा कि जिन जगहों का जिक्र महिला द्वारा किया गया है वहां भी जांच करना जरूरी है। महिला पर केस दर्ज करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़ी चार शिकायतें मिली हैं। जिनमें से एक के आधार पर महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके अलावा यदि विधायक पर लगे आरोप सही पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ चार्जशीट इस मुकदमे में भी दाखिल किया जाएगा। इसके लिए अलग से मुकदमे की आवश्यकता नहीं है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। बता दें कि महिला का कहना है कि विधायक से उसकी एक बेटी है और वह डीएनए टेस्ट करवाकर सच्चाई को दुनिया के सामने लाना चाहती है।