हल्द्वानी: गुरुवार दोपहर उत्तराखण्ड व उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का निधन हो गया । उन्होंने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के निधन के बाद उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ट्विटर पर पोस्ट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि तिवारी जी की जगह भारतीय इतिहास में कोई नहीं भर सकता है।
नारायण दत्त तिवारी देश के एकलौते ऐसे नेता है जिन्होंने दो अलग-अलग राज्य का सीएम पद संभाला। इसके अलावा वो आंध्र प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। साल 15 जुुलाई 1987 को केंद्र सरकार में वित्त एवं वाणिज्य मंत्री रहे। देश में कांग्रेस के महान नेताओं की लिस्ट पर उनका नाम मौजूद रहता है।
उत्तराखण्ड के सीएम रहते हुए उन्होंने जो किया वो आजतक कोई भी मुख्यमंत्री नहीं सका है। उत्तराखण्ड के इतिहास नारायण दत्त तिवारी जी के अलावा कोई भी मुख्यमंत्री अपने 5 साल पूरे करने में कामयाब नहीं रहा। ये दिखाता है कि उनके अंदर अपनी पार्टी को एक साथ लेकर चलने की कला थी।
तिवारी जी की राजनीति सबसे अलग
एनडी तिवारी उत्तराखंड के ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने अब तक मुख्यमंत्री के रूप में पांच साल का कार्याकाल पूरा किया। वह 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। वहीं, उन्होंने दो राज्यों (उत्तराखंड और यूपी) के मुख्यमंत्री रहने का गौरव भी प्राप्त है। एनडी तिवारी यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री (1976 – 1977, 1984 – 1985, 1988 – 1989) रहे। गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य का गठन नौ नवंबर 2000 में किया गया। नित्यानन्द स्वामी सूबे के पहले मुख्यमंत्री बने। उनका शासनकाल नौ नवंबर 2000 से लेकर 29 अक्टूबर 2001 तक रहा।
इसके बाद भगत सिंह कोश्यारी 30 अक्टूबर 2001 से एक मार्च 2002 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद सूबे में 2002 में विधानसभा चुनाव हुए। इसमें कांग्रेस की सरकार आई। नारायण दत्त तिवारी सूबे के तीसरे मुख्यमंत्री बने। उन्होंने पूरे पांच साल तक मुख्यमंत्री के पद पर कार्यकाल पूरा किया। वह 2002 से 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद भुवन चन्द्र खण्डूड़ी, रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा, हरीश रावत मुख्यमंत्री बने, लेकिन एनडी तिवारी को छोड़कर किसी ने भी सीएम पद पर पांच साल पूरे नहीं किए। अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत सूबे के मुख्यमंत्री हैं। उन्होंने 18 मार्च 2017 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।
18 अक्टूबर को हुआ नैनीताल में हुआ था जन्म
18 अक्टूबर 1925 को नैनीताल जिले के बल्यूटी गांव में जन्म हुआ। प्रारंभिक शिक्षा बरेली के एडवर्ड मेमोरियल हाईस्कूल में। 1939 में हाईस्कलू और 1941 में इंटर की परीक्षा प्राइवेट उत्तीर्ण की। मात्र 17 वर्ष की आयु में स्वाधीनता आंदोलन में सक्रिय हो गए। 19 दिसंबर 1942 को पिता के साथ गिरफ्तार हुए और नैनीताल जेल में बंद रहे। 1944 में कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी की विधिवत रूप से सदस्यता ली।
राज्य में तीन दिन का शोक
पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी के निधन पर शोकाकुल प्रदेश उन्हें तीन दिन तक श्रद्धांजली देगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा कर दी है। इस दौरान राजकीय कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शोक आज से शुरू हो चुका है। बीस अक्टूबर तक प्रदेश में कोई राजकीय मनोरंजनात्क कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा। इसके अलावा पूर्व सीएम के अंतिम संस्कार में सशस्त्र पुलिस उन्हें सलामी देगी। उन्हें राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी जाएगी। उत्तराखंड शासन में अपर मुख्य सचिव ने इस मामले में शासनादेश जारी कर दिया है।