हल्द्वानी: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से प्रमाणित मुस्लिम राष्ट्रीय मंच उत्तराखण्ड में धार्मिक शिक्षा, स्कूली शिक्षा और कम्प्यूटर शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जल्द मदरसा खोलेगा। जानकारी के मुताबिक मदसरा देहरादून में बनेगा। वहीं यह राज्य का पहला मदरसा होगा जिसकी देखभाल आरएसएस द्वारा की जाएगी। आरएसएस द्वारा पूरे देश में कुछ पांच मदरसे चलाए जाते हैं, जिसकी देखभाल मुस्लिम राष्ट्रीय मंच करता है। पांचों मदरसे उत्तर प्रदेश के पांच जिलों में बनाए गए है। इस लिस्ट में मुरादाबाद, बुलंदशहर,हापुर और दो मुजफ्फरनगर में है। इनका संचालन जनवरी में शुरू किया गया था।
देहरादून में खुलने वाले मदरसे के लिए जमीन खरीद ली गई है और अगले 6 महीनों में वो शुरू भी हो जाएगा। मदरसे में फिलहाल एक से तीसरी कक्षा तक संचालित होगी। बच्चों के रूचि के अनुसार फिर इन्हें आगें बढ़ाया जाएगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच छात्रों से कुछ फीस शुल्क भी लेगा। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के नेशनल डिप्टी ऑर्गनाइजिंग सचिव तुषार ंकांत हिंदुस्तानी इस प्रोजेक्ट को देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस मदरसों में केवल धार्मिक नहीं बल्कि शिक्षा के स्तर को आगे बढ़ाया जाएगा। कोशिश की जाएगी धार्मिक विवादों व उसे जुड़ी सोच से हटकर काम किया जाए, ताकि विद्यार्थी अपने उस सपनों का निर्माण कर सकें जो देश को विकास की ओर ले जाएगी।
मदरसों का मुख्य उद्देशय विद्यार्थियों में इंसानियत और देशभक्ति का पाठ पढ़ाना होगा। शिक्षा प्रणाली बच्चों को शिक्षा के अलावा व्यवहार भी सिखाएगी। इस तरह के मदरसे से निकलकर बच्चे महान एपीजे अब्दुल कलाम जैसा काम करेंगे। मदरसें में किसी भी तरह का धार्मिक भेदभाव बर्दास्त नहीं किया जाएगा, सभी धर्मों के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रवेश दिया जाएगा।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच कॉर्डिनेटर सीमा जावेद ने कहा कि अगले 6 महीनों में मदरसे का निर्णा हो जाएगा। शिक्षा के लिए बच्चों से मामूली शुल्क फीस के रूप में लिया जाएगा। हमारा उद्देश्य ऑल राउंड शिक्षा पर है। इसी सोच को आगे बढ़ाने के लिए मुस्लिम राष्ट्रीय मंच हिंदुस्तानी मदरसे के नाम पर कई जगहों पर इवेंट का आयोजन भी कर रहा है।
विरोध में आया मुस्लिम समुदाय
देहरादून के एक मौलाना रईस अहमद काजमी का कहना है कि पहले उनको मदरसा खोलने दीजिये फिर हम बताएंगे कि मदरसा कैसे चलता है। अभी तो मदरसों की मान्यता ही नही है। ये कैसे चलाएंगे यह देखना बाकी है।